हम सबके जीवन में हमारी मां का विशेष महत्व है। हमें इस दुनिया में लाने वाली मां के उपकार हम पर असंख्य हैं। कहा जाता है कि हम चाहे जितना कुछ भी अपनी मां के लिए कर लें, वह उसके उपकारों की तुलना में कम ही होगा। ज्योतिष शास्त्र में भी मां की महत्ता के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है। इसके मुताबिक मां का अपमान करने से, उन्हें दुख देने से… व्यक्ति की कुंडली में ग्रह दोष पैदा हो जाते हैं। ऐसे में वह व्यक्ति अपने जीवन में तमाम तरह के दुखों का सामना करता है। उस व्यक्ति को किसी भी स्थान पर सुख-शांति की प्राप्ति नहीं होती और वह दर-दर भटकता रहता है। आज हम इसी बारे में विस्तार से बात करेंगे।
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो चंद्रमा मातृभाव का कारक ग्रह है। ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपकी कुंडली में कभी चंद्र ग्रह दोष नहीं उत्पन्न हो तो आपको हमेशा अपनी मां की सेवा करनी चाहिए। ज्योतिष के हिसाब से मां का अपमान करने से और उन्हें दुखी करने से कुंडली में चंद्र दोष उत्पन्न होता है। बता दें कि चंद्र दोष होने पर व्यक्ति के जीवन से सुख-शांति चली जाती है। उस व्यक्ति को किसी भी स्थान पर आनंद की प्राप्ति नहीं होती और यात्राओं में उसे खूब कष्ट उठाना पड़ता है।
ज्योतिष में कहा गया है कि जो बच्चा अपनी मां को कड़वी बातें सुनाता है, वो अपने जीवन में कभी भी सफलताएं हासिल नहीं कर पाता। इसके अलावा जो लोग अपनी मां से झूठ बोलते हैं, उन्हें बार-बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपनी मां के ऊपर हाथ उठाता है, वह अकाल मृत्यु का शिकार बनता है। इसके साथ ही ऐसा पुत्र जो अपने माता-पिता के बीच झगड़ा लगाता है, वह अपने जीवन में कभी भी दूसरों का सम्मान हासिल नहीं कर पाता।
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