बिहार के पूर्वमुख्यमंत्री लालू यादव को 24 फरवरी शनिवार के दिन अदालत ने चारा घोटाला के दो अलग-अलग मामलों में 7-7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और 30-30 लाख का आर्थिक जुर्माना भी लगया गया है। सदगुरुश्री के नाम से विश्व में प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु सदगुरु स्वामी आनंदजी के अनुसार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव का जन्म 11 जून, 1947 है। यदि इनका जन्म समय दिन का मध्यकाल मान लिया जाए, और यदि उनका यह जन्म विवरण सत्य है तो मुसीबत में पड़े बिहार के इस कद्दावर नेता कि जन्म कुंडली इस प्रकार है-

उनके अनुसार इस कुंडली के हिसाब से लालू यादव की राशि कुम्भ और लग्न सिंह है। इनका स्वग्रही भाग्येश मंगल जहां इन्हें भाग्य का बली बना रहा है वहीं, कर्म में राहु उपस्थिति होकर इन्हें राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर रहा है। दसवें भाव में सूर्य की उपस्थिति इन्हें कुल दीपक योग प्रदान कर, इन्हें अपने कुल का सिरमौर बना रही है, वहीं साथ में शुक्र की मौजूदगी एक उत्तम योग निर्मित कर रही है। लेकिन छठें भाव का मालिक शनि की व्यय भाव में उपस्थिति शनि की दशा में इनके लिए कष्टकारी बन रही है।लालू यादव की इस कुंडली के हिसाब से इनकी साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू होगी लेकिन कठिनाईयों का दौर अभी से ही शुरू हो गया है।

सदगुरुश्री के अनुसार, इस समय लालू यादव कर्मेश व पराक्रमेश शुक्र की महादशा में राहु की अन्तर्दशा और सूर्य की प्रत्यंतर दशा भोग रहे हैं। केतु की पूर्ण दृष्टि सूर्य पर है। फरवरी महीने से इनकी कुंडली में सूर्य की प्रत्यंतर दशा शुरू हुई है जो इनके लिए कठिन परिस्थितियां निर्मित कर के क़ानून से दंड का भागी बना रही हैं। ग्रहयोग उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं।पर स्वघर का शुक्र इन्हें उच्च अदालत से कुछ लाभ की भी चुगली कर रहा है। विशेष रूप से, 28 अप्रेल, 2021 के पश्चात यानि जब शुक्र में शनि का अंतर आरंभ होगा, शनि की साढ़ेसाती के बावजूद राजनैतिक वर्चस्व में इज़ाफ़ा करेगा। सज़ा का यह एलान लालू के परिवार के लिए जहां व्यक्तिगत और भावनात्मक रूप से कठिन रहेगा वहीं राजनैतिक रूप से बेहद अनुकूल अधिक सिद्ध होगा।

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लालू यादव यदि अपने इस कठिन समय को दृढ़ता और योजनाबद्ध तरीके से स्वस्थ रखते हुए, रणनीति पूर्वक बिता लेंगे तो स्वघर के शुक्र यही दशा उन्हें आवेग से जनता के समर्थन का भागी बनाएगी और उन्हें वापस शक्ति प्रदान करके फिर से राजनीति में चमकता सितारा बना देगी। लेकिन लालू यादव अपने जीवन और सेहत के आने वाला समय बहुत उत्तम नज़र नहीं आ रहा है।