सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है। जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है। धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है, इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है, बीमारियां और रोग बढ़ते हैं। इस समय ज्योतिषीय कारणों से शुभ काम वर्जित हो जाते हैं। इसलिए इसे धनु खरमास भी कहते हैं। इस बार धनु संक्राति आज यानी 16 दिसंबर को है। इस दौरान विवाह शुभ कार्य आदि काम नहीं होते हैं। आइए जानते हैै इसका कारण
विवाह क्यों वर्जित होता है – विवाह का सबसे बड़ा उद्देश्य सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। धनु राशि को संपन्नता और भाग्य की राशि माना जाता है। इस समय सूर्य धनु राशि में चला जाता है। जिसको सुख-समृद्धि के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इस समय अगर विवाह किया जाए तो भावनात्मक रूप से सुख नहीं मिलेगा। ना ही शारीरिक सुख मिलेगा।
नया काम क्यों ना करें – धनु खरमास में नया व्यवसाय आरंभ करना आर्थिक मुश्किलों को जन्म देता है। इस समय बिना चाहे खर्चे काफी बढ़ सकते हैं। इस अवधि में शुरू किए हुए व्यवसाय बीच में रुक जाते हैं। व्यवसाय में काफी कर्ज हो जाता है। लोगों के बीच धन फंस जाता है। इसलिए बेहतर होगा नया काम शुरू ना करें।
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नये मकान का निर्माण क्यों वर्जित है – संपत्ति बनाने का उद्देश्य संपत्ति का सुख पूर्व उपभोग करना है। इस समय मकान बनाने से उसका सुख नहीं मिलेगा। अगर ऐसा किया जाए तो किसी बाधा के कारण काम बीच में रुक सकता है। दुर्घटनाओं की संभावना होती है। इस अवधि में बनाए गये मकान आमतौर पर कमजोर होते हैं, इनमें निवास का सुख नहीं मिलता है।
कौन से काम कर सकते हैं – प्रेम विवाह और स्वयंवर का मामला हो तो विवाह कर सकते हैं, कुंडली में बृहस्पति धनु राशि में हो तो शुभ काम कर सकते हैं। जो काम नियमित रूप से हो रहे हों उनको भी खरमास में कर सकते हैं, सीमांत, जातकर्म, अन्नप्राशन आदि काम कर सकते हैं। आप चाहे तो गया में श्राद्ध भी इस अवधि में कर सकते हैं।


