अक्सर संपत्ति को पाने में, बनाने में और रखने में दिक्कते होने लगती है। जब ये समस्याएं परेशान करने लगती है तो व्यक्ति थक जाता है आज बात इसी संपत्ति के सुख के करेंगे। जानेंगे कौन से ग्रह संपत्ति का सुख देते हैं और कौन से ग्रह संपत्ति सुख में बाधा उत्पन्न करते हैं-

मंगल का संबंध- भूमि और भूमि से संबंधित चीजों पर मंगल का ही अधिकार है। इसीलिए मंगल को भूमिपुत्र भी कहा जाता है। मकान, जमीन, दुकान बिना मंगल के नहीं मिल सकते हैं। मंगल के बिना स्थाई संपंत्ति ज्यादा लंबे समय तक नहीं रह सकती है। मंगल की कृपा हो जाए तो व्यक्ति के पास एक से ज्यादा स्थाई संपत्ति होती है। व्यक्ति खूब सारी भूमि का मालिक हो जाता है।

कब मिलता है संपत्ति सुख – अगर मंगल कुंडली के नवम, दशम या एकादश भाव में हो, अगर मंगल और शुक्र का संबंध बना हुआ हो। अगर मंगल कुंडली की उच्च राशि में हो, अगर व्यक्ति के संबंध अपने लोगों के साथ ठीक हों। अगर किसी व्यक्ति के जीवन में भाई-बहन का सुख हो तो उसका मंगल अच्छा होता है।

अगर मकान ना मिल पा रहा हो तो- चतुर्थ भाव खराब हो या मंगल कमजोर हो तो मकान मिलने में दिक्कत आती है। ऐसी दशा में हर मंगलवार को हनुमान जी को तुलसी पत्र चढ़ाएं। साथ ही तीन बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। ये प्रयोग तीन महीने तक करें।

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अगर मकान ना बन पा रहा हो तो – मंगलवार को भूमि पर एक लाल तिकोना ध्वज लगा दें। मंगलवार को सुबह मसूर की दाल का दान करें। इसके बाद ऊं अं अंगारकाय नम: का जाप करें। मंगलवार को तामसिक आहार ग्रहण ना करें।

मकान बेचने में दिक्कत हो तो – बेची जाने वाली जगह पर काली सरसों ले जाकर रख आएं, ये काम मंगलवार को दोपहर को करें। उसी दिन किसी मंदिर में ले जाकर ईट दान करें दें। हर मंगलवार को निर्धनों में हलुआ-पूड़ी बांटें। ऐसा तीन मंगलवार कर करें।

संपत्ति विवाद हो तो- किसी भी मंगलवार को ये प्रयोग शुरु कर दें, लगातार 27 दिनों तक करें। रोज रात को तीन बार हनुमान चालीसा पढ़ें। केवल रात में ही भोजन करें। सिर्फ एक वेला, जितने दिन काम ना बने उतने दिन जमीन पर सोएं।