जैसा कि पहले से ही भय था, 2016 के ग्रहयोग अपना रंग दिखाने लगे। राजनैतिक साजिशें समाज की सद्भावना दीमक की तरह चाटने पर आमादा हैं। आइये इन परिस्थितियों को आकलन करते हैं ज्योतिषीय चश्मे से!
सद्गुरु आनंद जौहरी के अनुसार, इस समय शनिदेव अपने कट्टर शत्रु मंगल के घर वृश्चिक में, मंगल दैत्य गुरु शुक्र की व्यापारिक राशि तुला में, देवगुरु वृहस्पति तीव्र मस्तिष्क के मालिक राहु के साथ चांडाल योग निर्मित करते हुए सूर्य की राशि सिंह में, सूर्यदेव शत्रु शनि की राशि कुम्भ में, शुक्र और बुध शनि की अन्य राशि मकर में गतिशील हैं। यह योग निश्चित रूप से किसी बड़े सामाजिक बवाल व राजनैतिक भूचाल का संकेत दे रहा है। जैसे ही 20 फरवरी, 2016 को मंगल अपनी ही राशि वृश्चिक में जाएगा, जहां पहले से ही उसके धुरविरोधी शनि उसके घर में कब्जा जमाएं बैठे हैं, एक नए तरह का झमेला शुरु होगा।
टकराव और विरोध के तूफ़ान का स्वर देश भर में मुखर होगा। विरोध की आवाज जहां दहाड़ बनेगी, वहीं इस सुर के हिंसक होने का भी पूरा ख़तरा नज़र आ रहा है। मंगल और शनि की युति हिंसा, रक्तपात और विवाद के लिए जानी जाती है। अतः पूरे राष्ट्रीय परिदृश्य में आंदोलन, टकराव, विरोध, हिंसा और खटास के हालात नज़र आ रहे हैं। अविश्वास का माहौल बनेगा। जनमानस का ह्रदय बेचैन रहेगा। पूरे साल विरोध की आवाज बुलंद करने का प्रयास होगा।
सत्ता पक्ष की बेवकूफी या गलती आग में घी का काम करेगी। सत्ता में बैठे लोगों की जुबान गरिमा विहीन हो जाएगी। सरकार की असावधानी देश को किसी गहरे षड्यंत्र में धकेल सकती है। राजनैतिक साजिशों से निकले जहर के समाज में फैलने का खतरा सिर उठाएगा। हुक्मरानों को विशेषज्ञों, विचारकों और विरोधियों के साथ बैठ कर हल ढूंढ़ने से नुकसान कम होगा। वृश्चिक का शनि साल भर विश्व में आतंक और तनाव का कारक बनेगा।