रत्न शास्त्र के अनुसार रत्नों में अलौलिक शक्तियां पाई जाती हैं यदि रत्न कुंडली विश्लेषण कराकर में धारण किए जाए तो वह व्यक्ति को बहुत लाभ पहुंचा सकते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं फिरोजा रत्न के बारे मेंं। फिरोजा रत्न बेहद प्रभावशाली रत्न है। यह रत्न गुरु बृहस्पति का माना जाता है। इसको धारण करने से जीवन में सुख- समृद्धि का वास होता है।

ये लोग पहन सकते हैं फिरोजा:
रत्न शास्त्र अनुसार फिरोजा रत्न दिखने में गहरे नीले रंग का होता है। साथ ही देखने में यह सुंदर होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु और मीन राशि के लोगों के लिए ये रत्न सबसे शुभ माना जाता है। क्योंकि धनु और मीन राशि पर गुरु बृहस्पति का आधिपत्य है। जन्मकुंडली में अगर गुरु बृहस्पति उच्च के मतलब सकारात्मक स्थित हैं, तो भी इस रत्न को पहना जा सकता है। इसके साथ ही मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि के जातक भी ये रत्न पहन सकते हैं। लेकिन इस रत्न के साथ हीरा धारण नहीं पहन सकते। वहीं नीलम इसके साथ धारण कर सकते हैं।

धारण करने से मिलते हैं ये लाभ:
रत्न विज्ञान मुताबिक प्रेम संबंधों और करियर में कामयाबी पाने के लिए इस रत्न को पहना जा सकता है। फिरोजा के प्रभाव से दांपत्य जीवन की परेशानियां भी दूर होने की मान्यता है। वहीं फिल्म लाइन, कलाकार, पेशे से आर्किटेक्चर, चिकित्सक और इंजीनियर भी इस रत्न को अपनी कुंडली का विश्लेषण कराकर धारण कर सकते हैं। ये रत्न लोकप्रियता व मित्रता में भी बढ़ोत्तरी करता है। छात्रों के लिए यह रत्न बहुत ही लाभकारी साबित होता है, इसे धारण करने से बौद्धिक क्षमता का विकास होता है।

धारण करने की सही विधि:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फिरोजा रत्न शुक्रवार, गुरुवार या फिर शनिवार के दिन भी पहना जा सकता है। इस रत्न को पहनने का सबसे शुभ समय सुबह 6 बजे से 8 बजे तक होता है। फिरोजा को चांदी या तांबा धातु में धारण किया जा सकता है। इसे पहनने से एक रात पहले दूध, शहद, मिश्री और गंगाजल मिश्रित घोल में रख दें और फिर इसे गंगागल से शुद्ध कर लें।। फिर अगले दिन स्नान कर पूजा करने के बाद इस रत्न को धारण कर लें। इसे पहनने के बाद बाद आप गुरु बृहस्पति का दान भी निकालें और किसी जरूरतमंद या गरीब को लेकर आएं।