वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह का अपना एक विशेष महत्व है। साथ ही हर ग्रह अपना प्रभाव मानव जीवन के ऊपर छोड़ता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं सूर्य ग्रह की, जिनको ज्योतिष में ग्रहों का राजा कहा जाता है। साथ ही सूर्य ग्रह जन्मकुंडली में पिता का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि किसी महिला की कुंडली में यह उसके पति के जीवन के बारे में बताता है।

नौकरी पेशा के क्षेत्र में सूर्य उच्च व प्रशासनिक पद और समाज में मान-सम्मान को दर्शाते हैं। साथ ही यह लीडर (नेतृत्व करने वाला) का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। आपको हम आज बताने जा रहे हैं अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर हो तो उसको जीवन में क्या परेशानियां होने लदती है और उसके उपाय क्या हैं।

सूर्य ग्रह से जीवन में आने लगती हैं  ये परेशानियां:
वैदिक ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली में सूर्य किसी ग्रह से पीड़ित हो तो यह हृदय और आंख से संबंधित रोगों को जन्म देता है।  साथ ही, व्यक्ति को नौकरी, बिजनेस, राजनीति, आदि किसी भी काम में सफलता हाथ नहीं लगती। सूर्य कमजोर होने पर सूर्य ग्रह का दोष लगता है। मतलब सूर्य अगर कुंडली में राहु- केतु के साथ स्थित हैं तो सूर्य ग्रहण लगता है। इससे व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिलता है। साथ ही वह जिंदगी भर संघर्ष करता रहता है। सूर्य पीड़ित होने से पित के साथ भी संबंध खराब रहते हैं। पिता- पुत्र के विचारों में असमानता रहती है।

इन उपायों को करें, मिलेगा लाभ:

पीपल के पेड़ पर जलाएं दीपक:
रविवार के दिन भगवान सूर्य के ढ़ल जाने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे चार मुंह वाला दीया जलाने से ऐसी मान्यता है कि लोग की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। ऐसा माना जाता है कि इस प्रक्रिया को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं जिससे धन लाभ के योग बनते हैं। साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे विष्णु देवता का वास माना जाता है, इसलिए यह उपाय करने से व्यक्ति का पराक्रम भी बढ़ता है।

इन चीजों का करें दान:
बताया जाता है कि जो लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं या तमाम कोशिशों के बाद धन की हानि हो रही है तो रविवार को तांबा और गेहूं का दान करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस टोटके को अपनाने से धन संबंधी सभी दिक्कतें दूर हो सकती हैं। आर्थिक समस्याओं को कम करने के साथ ही तांबा और गेहूं दान करने से लोग बीमारियों के खतरे से भी दूर रह सकते हैं। गेहूं और तांबे में सूर्य देव का वास माना जाता है।

इस स्त्रोत करें पाठ:
विद्वान बताते हैं कि रविवार को आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना भी अति शुभदायक हो सकता है। माना जाता है कि इस स्त्रोत का पाठ करने से सूर्य भगवान प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा लोगों को प्राप्त होती है। साथ ही, घरों में बरकत आती है। मान्यता है भगवान राम ने रावण से निर्णायक युद्ध से पहले भी आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ किया था। इसलिए अगर आप किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप आदित्य ह्रदय स्त्रोत का नियमित पाठ कर सकते हैं।

करें ये उपाय:
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अगर लोग रविवार को एक बड़े से पत्ते में अपनी मनोकामना लिखकर उस पत्ते को बहते जल में प्रवाहित कर देते हैं तो इससे उनकी इच्छा तो पूरी होगी ही। साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि का संचार भी होगा और सूर्य देव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।