New Health Study, Heart Problems, Abdominal Obesity, Cure and Precautions: भारत में हृदय रोग और स्ट्रोक्स से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट की मानें तो पिछले 25 सालों में देश में दिल के मरीज लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं। खराब लाइफस्टाइल, धूम्रपान और जंक फूड्स की लत हृदय को कमजोर बनाती है। इस बीच हाल में हुए एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि बेली फैट जिसे आम भाषा में पेट पर जमी चर्बी अथवा तोंद कहते हैं, उसके बढ़ने से बार-बार दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। सीएनएन हेल्थ में छपी खबर के अनुसार, मोटापा से ग्रसित नहीं होने के बावजूद यदि आपके पेट की चर्बी लगातार बढ़ रही है तो आपको दोबारा दिल का दौरा पड़ सकता है।
तोंद नापना है जरूरी: खबर के अनुसार अब्डॉमिनल ओबेसिटी न केवल पहली बार हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने के खतरे को बढ़ाती है, बल्कि इसके दोबारा होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए ‘हेल्दी वेस्ट सर्कमफेरेंस’ को बनाए रखना बेहद जरूरी है। इस शोध में 22 हजार से अधिक स्वीडिश लोगों को शामिल किया गया जिन्हें एक बार हार्ट अटैक आ चुका था। शोध में रिसर्चर्स ने ओवरॉल मोटापे से अब्डॉमिनल मोटापे को दिल के मरीजों के लिए खतरनाक बताया है। इसके मुताबिक पुरुषों के कमर का साइज 94 सेंटीमीटर से अधिक नहीं होना चाहिए, जबकि महिलाओं के कमर का नाप 80 सेंटीमीटर या उससे कम होना चाहिए।
पुरुषों को है महिलाओं से अधिक खतरा: रिपोर्ट के अनुसार, 78 प्रतिशत पुरुषों में पेट की चर्बी बढ़ी हुई थी। शोध में ये बात सामने आई है कि पुरुषों में तोंद बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा महिलाओं की तुलना में अधिक होता है। इसके साथ ही पुरुषों में पेट की चर्बी और हृदय रोग का संबंध लीनियर आकार में पाया गया जबकि महिलाओं में ये यू-शेप्ड का था। इसका कारण पुरुषों में मौजूद अधिक विसरल फैट को बताया गया है जो कि शरीर में घुस कर वायटल अंगों को प्रभावित करते हैं। यह फैट शरीर में अधिक कोलेस्ट्रॉल पैदा करता है जिससे दिल की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, महिलाओं में पाया जाने वाला फैट उतना नुकसानदेह नहीं होता।
इन बातों का रखें ध्यान: रेगुलर और हेल्दी डाइट को अपनाने से पेट की चर्बी को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, रोजाना कार्डियोज करने से भी फायदा होगा। साथ ही, हर दिन आधा घंटा टहलने से भी तोंद को काबू में रखा जा सकता है। वहीं, कई तरह के व्यायाम करने से भी कमर के साइज को बढ़ने से रोका जा सकता है।