World Ovarian Cancer Day: ओवरी कैंसर (Ovarian Cancer) महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) में होने वाला कैंसर है। यह महिलाओं में प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है।ओवरी कैंसर ब्रेस्ट कैंसर के बाद दूसरी ऐसी बीमारी है महिलाएं जिसका शिकार तेजी से हो रही हैं। इस कैंसर में महिलाओं की ओवरी में छोटी-छोटी सिस्ट बनने लगती हैं जिसकी वजह से महिला प्रेग्नेंट नहीं हो पाती। इस कैंसर से महिलाओं की ट्यूब ब्लॉक होने का खतरा भी ज्यादा रहता है। फोर्टिस अस्पताल की निदेशक डॉ नीति रायजादा कहती हैं कि महिलाओं में ये बीमारी तेजी से फैल रही है जिसके लिए फैमिली हिस्ट्री बेहद मायने रखती है।
इस कैंसर की पहचान तीसरी और चौथी स्टेज में ही होती है जिस समय काफी लेट हो चुका होता है। अगर महिलाएं इस साइलेंट किलर बीमारी के प्रति सतर्क रहें तो शुरुआती दौर में ही कैंसर को मात दे सकती हैं।
महिलाओं में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 8 मई को वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे मनाया जाता है। इस बीमारी के लक्षणों के बारे में अगर महिलाएं पहले ही समझ जाए तो जिंदगी को खत्म होने से पहले ही बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि ओवरी कैंसर के लक्षण कौन-कौन से हैं और इस परेशानी से कैसे बचाव किया जा सकता है।
कैंसर काउंसिल पर दी गई जानकारी के मुताबिक ओवरी कैंसर के अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते लेकिन बॉडी में कुछ बदलाव दिखते हैं जिन्हें समझकर आप इस बीमारी के बॉडी में पनपने का पता लगा सकते हैं। ओवरी कैंसर के लक्षणों की बात करें तो इसमें
- पेट में सूजन
- खाना खाने में कठिनाई या जल्दी पेट भर जाने का अहसास
- बार-बार या तुरंत पेशाब आने की आवश्यकता
- पीठ, पेट या पेल्विक (निचले पेट) में दर्द
- कब्ज या दस्त
- मासिक धर्म में अनियमितता
- थकान महसूस होना
- अपच या पेट खराब रहना
- सेक्स के दौरान दर्द होना
- बिना कारण वजन घटना या बढ़ना
इन लक्षणों का कारण अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं, लेकिन यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस कर रही हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।
हेल्दी वेट रखें
मोटापा कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है, जिनमें ओवरी कैंसर भी शामिल है। शरीर में अत्यधिक चर्बी हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती है, जिससे ओवरी में असामान्य कोशिकाओं के विकास का खतरा बढ़ सकता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से हेल्दी वेट रखें तो इस बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं। आप डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन का सेवन करें। शुगर और प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज करें।
बर्थ कंट्रोल पिल्स का चयन समझदारी से करें
कई शोधों में यह पाया गया है कि यदि महिलाएं 5 साल या उससे अधिक समय तक ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन करती हैं, तो ओवरी कैंसर का जोखिम लगभग 50% तक कम हो सकता है। ये पिल्स ओव्यूलेशन को रोक देती हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि जीवन में जितनी कम बार ओव्यूलेशन होता है, ओवरी कैंसर का खतरा उतना ही कम होता है। हालांकि, बर्थ कंट्रोल पिल्स सभी के लिए उपयुक्त नहीं होतीं। इसलिए इन्हें लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT)से बचें
मेनोपॉज के लक्षणों के इलाज के लिए आमतौर पर दी जाने वाली हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) को लंबे समय तक लेने पर ओवरी कैंसर का जोखिम बढ़ने लगता है। प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन अंडाशय में कोशिका वृद्धि को उत्तेजित कर सकता हैं। अगर आप HRT लेने की सोच रही हैं, तो इसके फायदे और नुकसान दोनों पर अपने डॉक्टर से चर्चा करना जरूरी है।
फैमिली हिस्ट्री को ध्यान में रखें
ओवरी कैंसर में जेनेटिक्स कारण बहुत मायने रखता है। यदि आपकी मां, बहन या दादी को कभी ब्रेस्ट या ओवरी कैंसर हुआ है, तो आपके लिए भी इसका जोखिम अधिक हो सकता है। समय रहते इस बीमारी के बारे में डॉक्टर को बताएं, फैमिली हिस्ट्री बताएं और बचाव के लिए जरूरी टेस्ट कराएं।
धूम्रपान से बचें और शराब का सेवन सीमित करें
धूम्रपान ओवरी कैंसर के कुछ रूपों और कई अन्य बीमारियों से जुड़ा हुआ है। धूम्रपान छोड़ना आपके समग्र स्वास्थ्य और कैंसर की रोकथाम के लिए सबसे जरूरी कदम है। अत्यधिक शराब पीने से हार्मोनल असंतुलन और समग्र स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
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