World Liver Day 2024: हर साल 19 अप्रैल को दुनिया भर में वर्ल्ड लिवर डे (World Liver Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व भर के लोगों में लिवर के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। गौरतलब है कि सेहतमंद रहने के लिए हमारे शरीर में मौजूद हर एक अंग का ठीक ढंग से काम करना जरूरी है। वहीं, आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि लिवर हमारे शरीर के लिए जरूरी लगभग 500 कामों में योगदान करता है। ऐसे में लिवर की सेहत पर और अधिक ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है।

हालांकि, आज के समय में कई कारणों के चलते कम उम्र में ही लोग लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसी कड़ी में यहां हम आपको शरीर के इस जरूरी अंग को नुकसान पहुंचाने वाले कुछ अहम कारणों के बारे में बता रहे हैं, साथ ही जानेंगे लिवर में कोई खराबी आने पर शरीर में किस तरह के लक्षण नजर आते हैं, ताकि समय रहते इन लक्षणों को पहचानकर सही इलाज के साथ स्थिति को अधिक गंभीर होने से रोका जा सके।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मामले को लेकर नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम में सीनियर कंसल्टेंट एंड क्लीनिकल लीड, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड हेपेटोलॉजी, डॉ. शिवानी देसवाल ने बताया, ‘लिवर से जुड़ी बीमारियों के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। खराब खानपान खासकर मैदा का ज्यादा सेवन, अत्यधिक शराब पीना आदि लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। गलत खानपान के चलते लिवर के आसपास फैट जमा होने लगता है और इसी कंडीशन को नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज यानी एनएएफएलडी कहा जाता है। वहीं, अगर लंबे समय तक इस बीमारी पर ध्यान ना दिया जाए, तो ये लिवर सिरोसिस का कारण भी बन सकती है। आसान भाषा में समझें तो फैटी लिवर की समस्या समय के साथ लिवर को पूरी तरह सड़ाकर आपको बहुत अधिक बीमार बना सकती है। ऐसे में इसे लेकर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।’

इससे अलग डॉ. देसवाल बताती हैं, ‘अक्सर लिवर में वायरल संक्रमण भी हो जाता है, खासकर हेपेटाइटिस वायरस, हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई के मामले बीते सालों में अधिक देखने को मिले हैं। वहीं, हेपेटाइटिस ए और बी को तो टीकों की मदद से रोका जा सकता है लेकिन सही समय पर सही इलाज न मिलने पर हेपेटाइटिस सी सिरोसिस और हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा लिवर कैंसर का कारण भी बन सकता है।’

लिवर खराब होने पर कहां दर्द होता है?

इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. देसवाल बताती हैं, ‘लिवर में किसी तरह की खराबी आने पर खासकर फैटी लिवर की स्थिति में समय-समय पर पेट के ऊपरी हिस्से में राइट साइड तेज दर्द महसूस होता है, आप पसलियों के नीचे तेज दर्द महसूस कर सकते हैं, साथ ही ये दर्द पीठ और कंधे तक भी फैल सकता है।’

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज?

डॉ. देसवाल आगे बताती हैं, ‘लिवर रोगों के सामान्य लक्षणों की बात की जाए तो शुरुआती स्तर में आपको पीलिया हो सकता है, जिसमें आंखें और त्वचा पीली दिखाई देने लगती है। इससे अलग त्वचा में खुजली होना, पेट में सूजन और दर्द महसूस होना, टखनों और पैरों में सूजन, यूरिन करते समय यूरिन का रंग गहरा प्रतीत होना, लंबे समय तक थकान महसूस होना, मतली या दस्त होना, हल्के रंग का मल त्यागना और भूख में कमी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।’

डॉ. के मुताबिक, ज्यादातर लिवर रोगों में जल्दी कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखाई देते हैं इसलिए अपने शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान देते रहें और अगर आपको कोई भी लक्षण लगातार महसूस हो तो बिना लापरवाही किए तुरंत डॉक्टर या गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। लिवर रोगों की पुष्टि के लिए डॉक्टर लिवर फंक्शन टेस्ट, कंपलीट ब्लड काउंट, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और लिवर बायोप्सी का सुझाव देते हैं, पुष्टि के बाद उपचार लिवर की क्षति को देखते हुए किया जाता है।

इन बदलावों से टाला जा सकता है खतरा

लिवर की सेहत का ख्याल रखने के कुछ खास बातों को ध्यान में रखने की सलाह देते हुए डॉ. कहती हैं, ‘सबसे पहले आपको अपने खानपान पर ध्यान देना जरूरी है। फैट और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें, इससे अलग खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं। मदिरापान से दूरी बनाएं, मैदा, अधिक तला-भुना या मसालेदार खाने से बचें। इस तरह का भोजन लिवर पर फैट चढ़ाने का कारण बनता है। अपने वजन को कंट्रोल में रखें। मोटापा भी लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।’

इन तमाम बातों से अलग एक्सपर्ट नियमित एक्सरसाइज की भी सलाह देती हैं। डॉ. देसवाल के मुताबिक, ‘नियमित एक्सरसाइज फैटी लिवर के लक्षणों को काफी हद तक कम कर आपको राहत पहुंचा सकती है।’

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।