World Asthama Day 2024: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही अस्थमा रोगियों की परेशानियां शुरू हो जाती है। अस्थमा एक क्रोनिक स्थिति है, जो जीवन भर तक चलने वाली बीमारी है। बता दें कि ये समस्या वायु मार्ग की सूजन और संकुचन के कारण होती है। इसके अलावा पर्यावरण में बदलाव के कारण भी इस समस्या से दो चार होना पड़ता है। गर्मियों के दौरान तापमान बढ़ने से वायु प्रदूषण बढ़ सकता है, जिससे अस्थमा के लक्षण भी बढ़ सकते हैं। गर्मी और उमस के कारण अस्थमा के रोगियों के लिए सांस लेने में मुश्किल भी हो सकती है। उच्च तापमान के कारण वायु मार्ग सिकुड़ सकता है, जिससे अस्थमा रोगियों के लिए ठीक से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा बाहर जाने से लोगों को पॉलेन, वायु प्रदूषण और वायु जनित एलर्जी सहित संभावित अस्थमा ट्रिगर के संपर्क में लाता है। न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स, अहमदाबाद के कन्सल्टन्ट पैथोलजिस्ट डॉ. आकाश शाह से जानते हैं इसके बारे में विस्तार से
हेल्थ एक्सपर्ट डॉ.आकाश शाह के अनुसार, ‘गर्मी उन लोगों के लिए काफी परेशानी का कारण बन जाती है जिन्हें अस्थमा की समस्या होती है। गर्म हवा के कारण खांसी, सांस लेने में तकलीफ, घरघराहट जैसे लक्षण नजर आते हैं। ये एक ऐसी बीमारी है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता है। बल्कि कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए आप दवाओं की मदद, लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ इन टिगर्स में ध्यान देना चाहिए, जिससे अस्थमा का दौरा पड़ सकता है।’
गर्मियों के महीनों के दौरान अस्थमा के लक्षणों का एक और आम कारण एलर्जी है। गर्मियों में पॉलेन का स्तर बढ़ जाता है, विशेषकर गर्म, शुष्क दिनों में, जिससे अस्थमा के रोगियों में एलर्जी की प्रतिक्रिया की संभावना बढ़ जाती है। जब पॉलेन जैसे एलर्जी पैदा करने वाले कारक सांस के माध्यम से शरीर में जाते हैं, तो वे वायु मार्ग में जलन पैदा कर सकते हैं और अस्थमा का दौरा पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, धूल के कण और फफूंदी जैसे इनडोर एलर्जी अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं, खासकर कम हवादार या आर्द्र परिस्थितियों में।
गर्मियों में ऐसे करें अस्थमा कंट्रोल
पूरी गर्मियों में अस्थमा को कंट्रोल करने के लिए लक्षणों पर नियंत्रण बनाए रखते हुए ट्रिगर के संपर्क को कम करने के लिए एक सक्रिय राजनीति की जरुरत होती है। यहां पर कुछ उपयोगी रणनीतियों का उल्लेख नीचे किया जा रहा है जो मददगार साबित हो सकती हैं:
पॉलेन के अत्यधिक होने के दौरान घर के अंदर रहें
पॉलेन का स्तर आमतौर पर सुबह और दोपहर के बाद सबसे अधिक होता है। इन समय के दौरान बाहरी गतिविधियों को सीमित करने से एलर्जी के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
एयर कंडीशनिंग का इस्तेमाल करें
घर के अंदर के कमरों को ठंडा और हवादार बनाने से नमी को कम करने और वायुजनित एलर्जी को फिल्टर करने में मदद मिल सकती है। हवा की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए, एयर कंडीशनर के फिल्टर को नियमित रूप से साफ करें।
वायु गुणवत्ता की निगरानी करें
वायु गुणवत्ता रिपोर्ट पर ध्यान दें और उच्च प्रदूषण स्तर वाले दिनों में बाहरी गतिविधियों से बचें। यातायात और औद्योगिक क्षेत्रों जैसे बाहरी वायु प्रदूषण स्रोतों से चौकस व सतर्क रहें।
डॉक्टर की दी दवाओं का करें समय पर सेवन
अस्थमा से बचाव इनहेलर और अस्थमा की दवाओं का इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा बताए अनुसार नियमित आधार पर किया जाना चाहिए। अस्थमा के बढ़ते लक्षणों के दौरान दवा में समायोजित करने की जरूरत हो सकती है।
घर के अंदर की एयर क्वालिटी रखें अच्छी
घर के अंदर साफ-सफाई करें और धूल और फफूंदी पैदा न होने दें। एलर्जेन-प्रूफ बिस्तर का इस्तेमाल करें और अपने कालीनों और फर्नीचर को नियमित रूप से साफ या वैक्यूम करें।
अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति सक्रिय रहकर और ट्रिगर के संपर्क को कम करने के लिए काम करके गर्मी के महीनों में अपने लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। अस्थमा पर नियंत्रण रखने और सुरक्षित और स्वस्थ गर्मी बिताने के लिए व्यक्तिगत अस्थमा उपचार तकनीकों के लिए एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
विश्व अस्थमा दिवस 2024 थीम (World Asthama Day 2024 Theme)
बता दें कि दुनियाभर में आज यानी 7 मई को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। सांस से जुड़ी इस समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन को दुनियाभर में मनाया जाता है। पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इसे ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा ने साल 1998 में मनाया था।