World Asthma Day 2020: बढ़ते प्रदूषण और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते दुनिया भर में अस्थमा के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। कई बार मौसम में बदलाव और एलर्जी के वजह से भी लोगों में अस्थमा के लक्षण सामने आने लगते हैं। हालांकि, जब तक मरीज इन लक्षणों को समझ पाते हैं तब तक ये एक गंभीर समस्या बन जाती है। इस बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए हर साल मई महीने के प्रथम मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल ये दिवस आज यानि कि 5 मई को मनाया जा रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अस्थमा मरीजों को अच्छे इलाज के साथ ही सांस लेने के लिए अच्छी हवा, सही खानपान और परहेज की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि अस्थमा या दमा के मरीजों को किन बात का रखना चाहिए ख्याल-
अस्थमा कारकों को पहचानें: कई बार मरीजों में दमा का अटैक विकराल रूप ले सकता है। हालांकि, ये तभी होता है जब मरीज किसी ऐसी चीज के संपर्क में आते हैं जिनसे उन्हें एलर्जी हो। ऐसे में अस्थमा के कारकों का पता लगाकर मरीजों को उनसे दूर रखना बहुत जरूरी है। इन कारकों में धुआं, ठंडी हवा, सर्दी या फिर वायरस फ्लू शामिल हैं। इनके अलावा, मरीजों को खुश्बूदार चीजों से भी दूर रहना चाहिए। साथ ही साथ, आपको किन चीजों से एलर्जी है इस बात को आप अपनी डायरी में जरूर लिखें।
धुएं से बनाएं दूरी: अस्थमा के मरीजों को जितना हो सके किसी भी तरह के स्मोक के संपर्क में आने से बचना चाहिए। ये धुआं सिगरेट, अगरबत्ती, आग, मोमबत्ती, पटाखे किसी के भी हो सकते हैं। इनसे जितना हो सके दूर रहें। अपने घर या गाड़ी में किसी को भी सिगरेट पीने की अनुमति नहीं दें। अगर किसी दमा के मरीज को सिगरेट की लत है तो जितनी जल्दी हो सके इससे छुटकारा पाने की कोशिश करें। धूम्रपान अस्थमा को और गंभीर बनाते जाता है।
सर्दी से पीड़ित लोगों के संपर्क में न रहें: खुद को स्वस्थ रखने के लिए आपसे जो बन पड़ता है वो करें। सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों से अधिक से अधिक दूरी बनाकर रखना चाहिए क्योंकि अगर आप उनके संपर्क में आते हैं तो इससे अस्थमा के लक्षण और भी ज्यादा खराब हो जाते हैं। अगर आपने इन लोगों से जुड़े किसी भी सामान को हाथ लगाया है तो अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
अपने घर को रखें एलर्जी-प्रूफ: आप चाहे अपने घर पर रहें, ऑफिस में रहें या फिर कहीं ट्रैवल कर रहे हों, अपने आसपास की जगह को एलर्जी-प्रूफ रखना बहुत जरूरी है। इससे मरीजों में दमा का अटैक आने की संभावना कम हो जाती है। वैसे होटलों में खाना खाने न जाएं जो स्मोकी हो या फिर जहां धूम्रपान करने की अनुमति हो। कहीं यात्रा के दौरान चादर और तकिया अपना ही ले जाएं , कई जगहों पर पंख वाला तकिया मिलता है जो आपकी एलर्जी को और खतरनाक बना सकता है।
रेगुलर लेते रहे दवाइयां: अस्थमा की दवाइयां लॉन्ग टर्म की होती हैं ताकि दमा के लक्षण और अटैक को रोका या कम किया जा सके। भले ही आप में दमा के लक्षण न भी हों फिर भी आपको ये दवाइयां हर दिन लेने की जरूरत है। दवाइयां समय पर खाने से आपके एयर पैसेज में सूजन कम होता है जिससे अस्थमा कंट्रोल में रहता है। यही कारण है कि रेगुलर मेडिकेशन से दमा के अटैक जल्दी नहीं होते। यदि इन दवाइयों को खाने से आपको कोई साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से दूसरे उपचार पर स्विच करने के बारे में बात करें।