दिल की बीमारी खराब डाइट, बिगड़ते लाइफस्टाइल,तनाव और कई हेल्थ प्रोब्लम की वजह से ट्रिगर होती है। कोविड-16 संक्रमण के बाद दिल के रोगों से मौत के मामले बढ़ गए हैं। किसी को जिम करते समय हार्ट अटैक आता है तो किसी को नाचते-गाते समय तो किसी को चलते-फिरते ही हार्ट अटैक आ जाता है। कम उम्र में ही लोग दिल के मरीज बन रहे हैं। अब हाल ही में बेहद परेशान करने वाला मामले सामने आया हैं।
अमरोहा में यूकेजी की छात्रा की हार्ट अटैक से मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक बच्ची स्कूल में थी और उसे पढ़ाई के दौरान हार्ट अटैक आ गया और आनन-फानन में बच्ची को हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतनी कम उम्र में बच्ची को हार्ट अटैक क्यों और किस कारण की वजह से आता है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कम उम्र के बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण कौन-कौन से हैं और उससे बचाव कैसे किया जाए।
हार्ट अटैक किस उम्र में आने का जोखिम होता है ज्यादा?
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार 40 साल से कम उम्र के लोगों में दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ रहे हैं। कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने के लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। पुरुषों और महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण अलग-अलग होते हैं। मौजूदा हालात में दिल का दौरा किसी को भी किसी भी उम्र में पड़ सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के डेटा से पता चलता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली बार हार्ट अटैक पड़ने के समय किसी व्यक्ति की उम्र पुरुषों के लिए 65.5 साल और महिलाओं के लिए 72 साल थी। लेकिन पिछले तीन सालों में हार्ट अटैक का खतरा कम उम्र के बच्चों और युवाओं में भी देखने को मिल रहा है।
छोटी उम्र में हार्ट अटैक क्यों आ रहा है?
छोटी उम्र में हार्ट अटैक आने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। खराब लाइफस्टाइल, तनाव,अनहेल्दी फूड्स का अधिक सेवन करने से और मोटापा की वजह से दिल के रोगों का खतरा अधिक रहता है। बॉडी एक्टिविटी में कमी होने से भी हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है।
सर गंगाराम हॉस्पिटल में वरिष्ठ सलाहकार हृदय रोग विशेषज्ञ कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर अश्विन मेहता के मुताबिक अगर बच्चे को घबराहट हो रही है, सांस तेजी से फूल रहा है, पल्स तेजी से बढ़ रही है या फिर बच्चे को चक्कर आ रहे हैं तो उसकी तुरंत मेडिकल जांच कराएं। बच्चों में होने वाली ये परेशानी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक कोविड के बाद बच्चों में हार्ट अटैक की समस्याएं ज्यादा आ रही है। ऐसे में पैरैट्स को पता होना चाहिए कि हार्ट अटैक के लक्षण कौन-कौन से हैं ताकि बच्चे में दिखने वाले लक्षणों को इग्नोर नहीं किया जाए।
हार्ट अटैक के लक्षण
- छोटे बच्चों में हार्ट अटैक होने का कारण होंठों के आस-पास नीले निशान होना
- बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होना
- कुछ देर चलते ही बच्चे का सांस फूलना
- बच्चे का शरीरिक विकास नहीं होना
- बच्चे को छाती में दर्द और चक्कर आने की शिकायत होना शामिल है।
बच्चों में हार्ट अटैक को कैसे कंट्रोल करें
- बच्चों में हार्ट अटैस से बचाव करना है तो बच्चों में दिखने वाले लक्षणों को तुरंत समझें।
- बच्चे के मोटापा को कंट्रोल करें।
- बच्चा घबराहट महसूस कर रहा है, चलने में सांस ज्याद फूल रही है तो तुरंत बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं और मेडिकल जांच कराएं।
- जन्म के समय ही बच्चे के दिल की जांच कराएं।
- बच्चे को जंक फूड्स से परहेज कराएं।