Diet Tips for Thyroid Patients: थायरॉयड हमारे गले के आगे वाले हिस्से में तितली के आकार की ग्रंथि होती है। यह T3 और T4 नामक हार्मोन्स का स्राव करती है जो हमारे शरीर का तापमान नियंत्रित रखते हैं साथ ही मस्तिष्क, हृदय और बाकी अंगो को सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं। लेकिन जब इस ग्रंथि में गड़बड़ी होती है तो यह हार्मोन का कम अथवा ज़्यादा स्राव करने लगती है जिसके कारण व्यक्ति को थायरॉयड की समस्या उत्पन्न होती है। बता दें कि थायरॉयड रोग दो प्रकार का होता है।
थायरॉयड हार्मोन्स का स्राव जब हमारे शरीर में बहुत कम हो जाता है तो हमें हाइपो थाइरॉइडिज्म नामक बीमारी हो जाती है। वहीं, अगर थायरॉयड हार्मोन्स का स्राव ज़्यादा हो जाए तो हम हाइपर थायरॉयडिज्म का शिकार हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि हाइपर थायरॉयडिज्म के लक्षण और उसे नियंत्रित करने के लिए क्या खाना जरूरी है –
ये हैं लक्षण: अचानक से वज़न कम होना और भूख ज़्यादा लगना। इसके अलावा बार – बार मूड बदलना, चिंता, चिड़चिड़ापन और घबराहट होना, हृदय गति तेज़ होना, कमजोरी, चक्कर आना भी इस बीमारी के लक्षण हैं। वहीं, हाइपर थायरॉयड से पीड़ित मरीजों को गर्मी ज़्यादा लगने, अधिक पसीना आने, सोने में कठिनाई होने आदि जैसी शिकायतें हो सकती हैं।
स्वस्थ वसा का सेवन – हेल्दी फैट युक्त भोजन थायरॉयड हार्मोन्स में अधिक स्राव को नियंत्रित करता है। खाने में ऑलिव ऑयल, एवोकाडो ऑयल, नारियल तेल, सूरजमुखी का तेल आदि शामिल करें।
मसाले – कुछ मसालों में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो थायरॉयड हार्मोन्स का स्तर ठीक करते हैं। हल्दी, हरी मिर्च, काली मिर्च का सेवन अपने भोजन में करें।
आयरन युक्त भोजन – अगर हमारे शरीर में आयरन की कमी होती है तो हमें हाइपर थायरॉयडिज्म हो सकता है। अगर यह बीमारी हमें हो गई तो भी आयरन का सेवन इसे नियंत्रित करता है। सूखे बीन्स, सूखे मेवे, लाल मीट, चिकन, दाल आदि में आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है।
ब्रोकोली, गोभी का सेवन – ब्रोकोली, फूलगोभी, पत्तागोभी आदि थायरॉयड ग्लैंड से निकलने वाले हार्मोन को कम कर देती हैं। इन्हें मसालेदार बनाने के बजाय उबालकर खाना अधिक फायदेमंद साबित होगा।
हर तरह की बेरी का सेवन – इनमें काफी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जिससे हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहता है। स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रस्पबरी आदि का सेवन हाइपर थायरॉयडिज्म में लाभ पहुंचाता है।