Heatstroke Or Suntroke: जिस तरह से अप्रैल के महीने में गर्मी पड़ रही है उसे देखते हुए आगे महीनों में गर्मी का सितम कैसा रहेगा अंदाज़ा लगाया जा सकता है। शिद्दत की गर्मी में लू लगने की परेशानी बहुत ज्यादा होती है। आमतौर पर लू मई और जून के महीने में चलती हैं लेकिन इस बार अप्रैल के महीने में ही लू का प्रकोप जारी है। गर्म हवाएं ना सिर्फ स्किन को नुकसान पहुंचा रही हैं बल्कि सेहत को भी नुकसान पहुंचा रही है। इस मौसम में लू लगने की परेशानी जिसे हीट स्ट्रोक के नाम से भी जाना जाता है लोगों को बेहद परेशान करती है। अगर इस मौसम में समय पर उपचार नहीं किया जाए तो परेशानी बढ़ सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक पिछले 50 सालों में लू लगने से 17000 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हर साल कई लोग लू लगने से अपना जान तक खो बैठते हैं। तापमान जैसे-जैसे बढ़ रहा है, गर्म हवाओं का दौर भी वैसे-वैसे ही बढ़ रहा है। इन गर्म हवाओं की वजह से ही लू लगती है। ऐसे मौसम में अगर सुबह 11 बजे से दिन के तीन बजे तक घर से बाहर निकला जाए तो बॉडी में पानी की कमी हो सकती है और डिहाइड्रेशन की परेशानी बढ़ सकती है। इस मौसम में लम्बे समय तक धूप में रहने से लू लगने का खतरा बढ़ने लगता है।
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल मुम्बई में कंसल्टेंट एंड हेड नेफ्रॉलोजिस्ट डॉक्टर शरद सेठ के मुताबिक गर्मी के मौसम में ज्यादा हीट होने से या ज्यादा समय तक हीट में रहने से बॉडी का तापमान उसे अडजेस्ट नहीं कर पाता है। बॉडी में मौजूद पसीना हीट को झेल पाता है लेकिन ज्यादा समय तक ज्यादा हीट में रहने से बॉडी उसे झेल नहीं पाती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ये लू बॉडी को किस तरह नुकसान पहुंचाती हैं और लू के लक्षणों की पहचान और बचाव कैसे करें।
लू लगने के लक्षण:
- जब कोई व्यक्ति गर्म हवा और धूप में देर तक रहता है, उसका चेहरा और सिर देर तक धूप और गर्म हवा के संपर्क में आता है उस इंसान को लू लग जाती है। लू लगने से बॉडी का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है।
- लू लगने पर बॉडी में डिहाइड्रेशन की परेशानी बढ़ने लगती है और बॉडी में पानी की कमी होने लगती है।
- पसीना आना बंद हो जाता है और बॉडी से गर्मी निकल नहीं पाती है।
- शरीर में क्रैम्प आते हैं और कमजोरी बढ़ने लगती है।
- बेहोशी और चक्कर आने लगते हैं।
- इंसान कंफ्यूज हो जाता है और मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है।
- बॉडी का गर्म और लाल हो जाना
- पसीना बिल्कुल नहीं आना।
- दिल की धड़कन तेजी से बढ़ती है।
- सांस तेज चलने लगती है।
लू लगने से सेहत को किस तरह का नुकसान होता है:
अगर आप 40 डिग्री पारा में लम्बे समय तक रहते हैं तो आपको हीटस्ट्रोक या सनस्ट्रोक हो सकता है जिसे लू लगना कहते हैं। लू लगने से बॉडी के कई जरूरी अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। लू का असर ब्रेन,किडनी,लीवर,दिल और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है। पानी की कमी से किडनी काम ठीक से नहीं कर पाती और बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। लू लगने से मरीज के बाकी अंगों को भी नुकसान पहुंच सकता है और मरीज की मौत भी हो सकती है।
लू से बॉडी का बचाव कैसे करें:
- गर्मी में बॉडी का लू से बचाव करने के लिए पानी का अधिक सेवन करें।
- लिक्विड का सेवन ज्यादा करें। लिक्विड में फ्रूट जूस और ओआरएस का सेवन ज्यादा करें।
- खीरा,तरबूज और अनार का सेवन करें।
- गर्मी में ज्यादा समय तक रहने से बचें।
- ठंडे तापमान में रहें।
- कॉटन के कपड़े पहनें।