Anushka Shetty suffering from laughing disease: हंसना सेहत के लिए फायदेमंद है। अक्सर हम बहुत खुश होते हैं,मजेदार या हंसी वाले वाक्य सुनते या सुनाते हैं तो हमें हंसी आती है। हंसी तनाव और बीमारी को कम करने वाले न्यूरोपेप्टाइड के रिलीज होने से हमारी इम्युनिटी बढ़ती है। हंसने से तनाव दूर होता हैं। हेल्थलाइन के मुताबिक हंसने से चिंता या तनाव की भावनाओं को दूर करने में मदद मिलती है। ये डोपामाइन और एंडोर्फिन के स्तर को बढ़ाकर उदास मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है।
हंसी दिल और दिमाग की रेमेडी है तभी तो लोग सुबह उठकर ठहाका लगाकर हंसते हैं ताकि उनका दिल और दिमाग सुकून से रहे। आप जानते हैं कि रूह को ताजगी देने वाली ये हंसी बीमारी भी है। जी हां हम आपको बताते हैं कि हंसना भी एक बीमारी है जिससे बाहुबली फिल्म की अदाकारा अनुष्का शेट्टी जूझ रही हैं।
बाहुबली और अरुंधति जैसी फिल्मों से नाम कमाने वाली अनुष्का शेट्टी एक दुर्लभ स्थिति से पीड़ित हैं जिसके कारण व्यक्ति अनजाने में हंसने या रोने लगता है। अदाकारा ने बताया कि उन्हें हंसने की ऐसी बीमारी है जिसमें वो हंसना शुरु कर देती हैं तो 15 से 20 मिनट तक उनकी हंसी रूकती नहीं है। इंडियाग्लिट्ज़ की रिपोर्ट के अनुसार अदाकारा ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि कॉमेडी दृश्यों को देखते या शूट करते समय वो इतना ज्यादा हंसती हैं कि हंसते-हंसते वो फर्श पर लोट-पोट हो जाती हैं और शूटिंग कई बार रोकनी पड़ती है। आइए जानते हैं कि लाफिंग डिजीज क्या है और इसके लक्षण कौन-कौन से हैं।
laughing disease क्या है?
ज्यादा हंसने को स्यूडो बुलबार इफेक्ट (Pseudobulbar Affect) के रूप में जाना जाता है। यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो मस्तिष्क को प्रभावित करती है और अनियंत्रित हंसी या रोने का कारण बनती है। अदाकारा अनुष्का शेट्टी ने इस दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होने की पुष्टि नहीं की है लेकिन उनकी बॉडी में दिखने वाले लक्षण इस बीमारी की ओर इशारा करते हैं।
स्यूडोबुलबार इफ़ेक्ट (PBA) एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसमें हंसने या रोने के अचानक, बेकाबू एपिसोड होते हैं जो मौजूदा स्थिति में बेहद परेशान करते हैं। हंसी का ये भावनात्मक विस्फोट आस-पास के लोगों को परेशान कर सकता है। PBA एक ऐसी बीमारी है जो न्यूरोलॉजिकल विकारों या चोटों से जुड़ा होता है जो मस्तिष्क को प्रभावित करता हैं। इसमें स्ट्रोक, मल्टीपल स्केलेरोसिस, एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस, ब्रेन इंजरी और अल्जाइमर रोग शामिल है।
स्यूडोबुलबार इफेक्ट के लक्षण (Pseudobulbar Affect Symptoms)
स्यूडोबुलबार इफेक्ट के लक्षणों की बात करें तो ये आवृत्ति और तीव्रता में भिन्न हो सकते हैं। इस बीमारी में कोई व्यक्ति किसी दुखद घटना पर हंस सकता है या किसी हास्यास्पद स्थिति में रो सकता है, और ये घटनाएं कुछ सेकंड से लेकर कई मिनट तक चल सकती हैं। PBA जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है जिससे लोगों के बीच शर्मिंदगी हो सकती है। ये स्थिति चिंता और अवसाद को बढ़ा सकती है।
स्यूडोबुलबार इफेक्ट का इलाज कैसे संभव है?
PBA के उपचार में इस एपिसोड को कंट्रोल करने के लिए दवा का सेवन किया जाता है। इस बीमारी का इलाज डिप्रेशन की दवाओं से भी किया जाता है। मेडिटेशन से भी इस स्थिति को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
