पीरियड महिलाओं के लिए काफी परेशान करने वाला समय हैं। इस दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पीरियड के तीन दिनों तक महिलाओं को कई तरह की तकलीफें और दर्द तो सहन करना ही पड़ता है, साथ ही स्किन पर भी कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। गर्मी में पीरियड के दौरान सैनिटरी पैड महिलाओं की परेशानी को बढ़ा देता है। गर्मी में पसीना स्किन में इचिंग, स्वैलिंग और रेडनेस को बढ़ा देता है। इस दौरान सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करने से महिलाओं को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

वैसे तो सैनिटरी पैड का इस्तेमाल सुरक्षित माना जाता है लेकिन इससे वजाइना के आस-पास की स्किन को कई तरह का नुकसान भी पहुंच सकता है। पैड में लंबे समय तक गीलेपन को सोखने की क्षमता रहती है, उनमें डाइऑक्सिन और सुपर-अब्सॉर्बेंट पॉलिमर जैसे एजेंटों का उपयोग किया जाता है जो स्किन को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि 3-4 घंटे में सैनिटरी पैड को जरूर बदलें वरना स्किन में खुजली और कई तरह की परेशानियां हो सकती है।

सैनिट्री पैड को बनाने में डाइऑक्सिन, कीटनाशक और आर्टिफिशियल परफ्यूम का इस्तेमाल किया जाता है जो स्किन के लिए सुरक्षित नहीं है। गर्मी में ये रसायन स्किन को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल थोड़ी सावधानी से करें। गर्मी में आप भी पीरियड के दौरान स्किन पर होने वाले रैशेज से परेशान हैं तो आप कुछ उपायों को अपनाकर इस परेशानी से निजात पा सकते हैं।

पीरियड के दौरान रैशेज का कैसे ध्यान रखें।

  • बिना खुशबू वाले पैड का इस्तेमाल करें।
  • पीरियड के दौरान रगड़ को कम करने के लिए ढीले सूती पैंटी पहनें।
  • अगर पीरियड के दौरान पैड का इस्तेमाल करने से परेशानी होती है तो दूसरे ब्रांड के पैड का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें कैमिकल फ्रैग्रेंस का कम इस्तेमाल हो।
  • अगर वजाइना के आस-पास खुजली, रेडनेस या रैशेज हो रहे हैं तो आप उस जगह पर हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम लगा सकते हैं। याद रखें कि वजाइना के अंदर इस क्रीम का इस्तेमाल नहीं करें।
  • स्किन में होने वाली इरिटेशन से राहत पाने के लिए सिट्ज़ बाथ का सहारा लें। सिट्ज़ बाथ वजाइना को साफ करने का एक तरीका है जिससे दर्द, सूजन, जलन और स्किन में होने वाली इरिटेशन से राहत पाई जा सकती है।
  • पैड को बार-बार बदलें ताकि वे बहुत अधिक नम न हों वरना स्किन में जलन का खतरा बढ़ जाएगा।
  • पैड से किसी भी तरह की जलन को नोटिस करते ही उसका इलाज करें। स्किन पर चकत्ते यीस्ट संक्रमण का कारण बन सकते हैं क्योंकि आपके शरीर में स्वाभाविक रूप से मौजूद यीस्ट स्किन के इरिटेटिड एरिया को प्रभावित कर सकता है।