जरा सोचिए अगर आपको बिना किसी दवाई के किसी बीमारी को कंट्रोल करने का तरीका मिल जाए तो? जाहिर है इससे बढ़िया बात भला क्या ही हो सकती है। आपको बता दें कि कई ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें दवाई से अलग बस कुछ घरेलू नुस्खों के साथ काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इन्हीं में से एक है यूरिक एसिड की समस्या। यूरिक एसिड बढ़ने पर ये हमारे बॉडी के छोटे ज्वाइंट्स में जम जाता है, जिससे व्यक्ति को हाथ-पैर की उंगलियों, अंगूठे, घुटनों में तेज दर्द होने लगता है। वहीं, यूरिक एसिड आपकी किडनी पर भी बेहद खराब असर डालता है। ऐसे में इसे कंट्रोल करना और जरूरी हो जाता है। इसी कड़ी में इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे फूल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके इस्तेमाल से आप नेचुरल तरीके से यूरिक एसिड की समस्या को कंट्रोल कर सकते हैं।
हम यहां केले के फूल की बात कर रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि केले की तरह ही इसके फूल में भी कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये फूल आपको यूरिक एसिड से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। केले के फूल में फ़ॉस्फ़ोरस, मैग्नीशियम, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, तांबा समेत एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं। वहीं, इस खास फूल की मदद से आप हाई यूरिक एसिड की समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
कैसे करता है असर?
पोटैशियम है कारागार
जैसा की ऊपर बताया गया है, केले के फूल में पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये बॉडी में यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में कारागार साबित हो सकता है। पोटैशियम यूरिक एसिड के क्रिस्टल को बेअसर कर किडनी के माध्यम से उनके उत्सर्जन को बढ़ावा देने का काम करता है।
दो तरह के फाइबर दिखाते हैं जबरदस्त असर
केले के फूल में दो तरह के फाइबर पाए जाते हैं। पहला घुलनशील और दूसरा अघुलनशील। वहीं, ये दोनों फाइबर मिलकर मेटाबोलिक रेट को बढ़ाने का काम करते हैं, साथ ही प्यूरिन पचाने की गति को भी तेज कर देते हैं। इतना ही नहीं, अगर आप नियमित तौर पर केले के फूल का सेवन करते हैं, तो यह प्यूरिन की पथरियों को मल के साथ बाहर निकालने का काम भी करता है।
तेजी से काम करती है किडनी
केले के फूलों में एल्कलाइन गुण पाए जाते हैं, जिसके चलते किडनी में पथरी की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। एल्कलाइन गुण के चलते केले का फूल प्यूरिन के पथरी को पचा सकता है। इससे किडनी के काम काज में तेजी आती है, साथ ही शरीर में यूरिक एसिड जमा नहीं होता है। ऐसे में बॉडी पेशाब के साथ खुद को डिटॉक्स कर लेती है।
क्वेरसेटिन और कैटेचिन हैं फायदेमंद
इन सब के अलावा केले के फूल में क्वेरसेटिन और कैटेचिन जैसे शक्तिशाली फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं। साथ ही इसमें विटामिन ए, सी और ई की मात्रा भी अधिक होती है। ये जोड़ों की बेचैनी, घुटनों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं और हड्डियों के घनत्व को बढ़ा सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।