सर्दियों की शुरुआत के साथ जोड़ों में तेज दर्द भी बढ़ जाता है। कई बार लोग इसे ठीक करने के उद्देश्य से दवाई खा लेते हैं, लेकिन कोई असर नहीं दिखाई देता है। दरअसल जोड़ों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में एक मुख्य कारण शरीर में यूरिक एसिड का तेजी से बढ़ना भी हो सकता है। कई बार हम इस पर ध्यान नहीं देते हैं और यही वजह है कि जोड़ों का दर्द कभी-कभी हद से ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी वजह होती है जब हम यूरिक एसिड का समय से इलाज नहीं करवाते हैं।

क्या होता है यूरिक एसिड? ब्लड में मौजूद यूरिक एसिड एक तरह का केमिकल है, जो शरीर में प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है। आमतौर पर अधिकतर यूरिक एसिड किडनी द्वारा फिल्टर होने के बाद शरीर से फ्लश आउट हो जाता है, लेकिन जब किडनी इस वेस्ट प्रोडक्ट को फिल्टर करने में सक्षम नहीं रह पाती तो इसके कारण यूरिक एसिड क्रिस्टल्स के रूप में टूटकर हड्डियों के बीच इक्ट्ठा होने लगता है, जिसके कारण गाउट की बीमारी होती है।

लिवर-किडनी पर असर: एक्सपर्ट्स की मानें तो यूरिक एसिड को बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। क्योंकि यूरिक एसिड हमारे शरीर में नमक की शक्ल में मौजूद होता है। पहले ये छोटे जोड़ों पर जमना शुरू करता है। इसके बाद इसका असर लिवर और किडनी तक होना शुरू हो जाता है। डॉक्टर कुमार राघव अपने वीडियो में बताते हैं, कई बार फैटी लिवर होने के कारण भी शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। ये सर्दियों में ज्यादा होता है क्योंकि हमारी बॉडी अलग तरीके से काम करना शुरू कर देती है।

फैटी लिवर का इलाज बहुत जरूरी होता है। इसके लिए आप कुछ चीजों में बदलाव भी कर सकते हैं। जैसे आपको अपनी डाइट में कम वसा वाली चीजों को शामिल करना चाहिए। अगर आपको दूध पीना अच्छा लगता है तो आप कम वसा या टोंड मिल्क ले सकते हैं। साथ ही अपको खाने में सब्जियां ज्यादा शामिल करनी चाहिए। मांसाहारी हैं तो रेड मीट से दूरी बना लेनी चाहिए। कई बार देखा जाता है कि यूरिक एसिड ज्यादा बढ़ने से किडनी पर भी प्रभाव पड़ने लगता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप रोज़ाना वर्कआउट करें और नियमित मात्रा में पानी जरूर पीएं।