शरीर में मौजूद यूरिक एसिड का घटना और बढ़ना, दोनों ही व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यूं तो खराब खानपान, अनियमित जीवन-शैली और शारीरिक व्यायाम न करने के कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन इसके अलावा भी यूरिक एसिड के बढ़ने का एक कारण गुर्दे द्वारा उसे कुशलतापूर्वक खत्म न कर पाना भी है। कई बार शरीर द्वारा अधिक मात्रा में यूरिक एसिड का उत्पादन करने से भी उसके स्तर में वृद्धि होने लगती है।
यूरिक एसिड क्या होता है?
यूरिक एसिड खून में मौजूद होता है, जिसका निर्माण प्यूरीन नाम के प्रोटीन के ब्रेकडाउन से होता है। इस एसिड को यूं तो किडनी की मदद से शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। लेकिन जब शरीर में केमिकल की मात्रा अधिक हो जाती है तो किडनी इसे बाहर करने में सफल नहीं हो पाती। ऐसे में ये एसिड जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा हो जाता है, जिससे गठिया अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
व्यक्ति द्वारा रोजमर्जा की जिंदगी में की जा रही कुछ गलतियों के कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है। जैसे-
- बहुत अधिक शराब पीना– साल 2014 की स्टडी के मुताबिक, वाइन बीयर और शराब से शरीर में गठिये के अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यह परेशानी खासकर उन लोगों को होती है जो एक दिन में दो बार से अधिक शराब पीते हैं।
- प्यूरीन से भरपूर आहार का सेवन– जिन खाद्य पदार्थों में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है, उनके सेवन से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा भी बढ़ती है। खासकर ऑर्गन मीट जैसे- लीवर व गुर्दे के सेवन से यूरिक एसिड में वृद्धि होती है। साथ ही गेम मीट, एनकोवी, ग्रेवी, सूखे हुए मटर और बीन्स, मशरूम व गोभी जैसी सब्जियों से भी यूरिक एसिड में वृद्धि होती है।
- दवाइयों का सेवन– डेली लो-डोज एस्पीरिन, नायसिन, लेवोडोपा व थायजाइट ड्यूरेटिक्स के सेवन से भी यूरिक एसिड की मात्रा में वृद्धि होती है।
इसके अलावा भी कुछ तत्व ऐसे हैं, जो यूरिक एसिड का स्तर बढ़ाते हैं, जैसे-
- आनुवंशिकी (परिवारजनों या माता-पिता से मिली प्रवृत्ति)
- हायपोथायरायडिज्म (विरासत में मिली प्रवृत्ति)
- मोटापा
- सोरायसिस
इससे इतर किमोथेरेपी या विकिरण उपचार के दौरान भी यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि होती है।