ख़राब जीवनशैली और खान-पान के चलते आजकल युवाओं में भी कई तरह की बीमारी हो रही है। हमारा शरीर तमाम कोशिकाओं और फाइबर से मिलकर बना है, जो रात दिन हमारे शरीर को चलाने में मदद करते हैं। हमारे शरीर में दिल, फेफड़े, दिमाग के अलावा किडनी का भी अपना महत्वपूर्ण काम करती है।
किडनी शरीर में बनने या भोजन के माध्यम से जाने वाले अनेक कैमिकल्स, खनिज और बेकार पदार्थों को छानकर पेशाब के द्वारा बाहर निकाल देती हैं। इन्हीं में एक कैमिकल होता है यूरिक एसिड (uric acid), इसकी मात्रा अगर शरीर में बढ़ने लगती है तो किडनी के लिए इसे छानकर शरीर से बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है।
क्या होता है यूरिक एसिड? यूरिक एसिड एक कार्बनिक यौगिक है जो हाईड्रोजन, ऑक्सीजन और नाईट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बनता है। यूरिक एसिड हमारे शरीर में बनने वाला एक कैमिकल होता है, जो शरीर में बनने के साथ-साथ भोजन के जरिए भी शरीर में प्रवेश करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जब किडनी की फिल्टर करने की क्षमता कमजोर हो जाती है तो इससे टॉक्सिक पदार्थ फ्लश आउट नहीं हो पाते हैं। इस कारण शरीर में मौजूद यूरिया यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है।
कैसे बढ़ता है यूरिक एसिड? प्यूरिन नामक एक केमिकल होता है जो शरीर में बनने के साथ- साथ कुछ खाद्य पदार्थों में भी पाए जाते हैं। जब खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है तो किडनी इसे आसानी से फ़िल्टर नहीं कर पाती। जिसके कारण शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने लगती है। यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण Gout नाम की बीमारी हो सकती है। साथ ही यह खून और यूरिन को काफी एसिडिक भी बना सकता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण: जोड़ों में दर्द, पैर और एड़ियों में तेज दर्द, उंगलियों के जोड़ों में सूजन, तलवों का लाल होना, ज्यादा प्यास लगना, बुखार के अलावा पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होता है जो कई बार असहनीय हो जाता है। इसमें इंसान जल्दी थक जाता है।
जानें बचाव के तरीके: यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल फॉलो करना जरूरी है। समय पर भोजन करें, भरपूर मात्रा में पानी पीयें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और वजन पर संतुलन बनाए रखें। वहीं, डाइट में लो प्यूरीन और फाइबर युक्त फूड्स की अधिकता होनी चाहिए। साथ ही, कुछ घरेलू उपाय भी यूरिक एसिड कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकते हैं। अजवाइन, धनिया और सेब का सिरका इसमें कारगर है।