यूरिक एसिड के बारे में आपने पहले कई लेखों में पढ़ा होगा कि शरीर में इसका स्तर बढ़ने से आपकी परेशानी कैसे बढ़ सकती है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से आपके हाथ-पांव में तेज दर्द हो सकता है और साथ ही उनकी दैनिक गतिविधियों में भी बाधा आ सकती है। यूरिक एसिड बढ़ने के पीछे कई कारण होते हैं, लेकिन कुछ गलतियां आपके पूरे परिवार के यूरिक एसिड को बढ़ा सकती हैं। कुछ गलतियां बच्चों में भी यूरिक एसिड बढ़ा सकती हैं। जी हां आपकी एक छोटी सी गलती बच्चों में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा सकती है।

अगर आपके परिवार में हर किसी को बार-बार यूरिक एसिड का स्तर ऊंचा होता है, तो आपको अपने डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए। अधिकांश पोषण विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आप अपने खाने के प्रकार में मामूली बदलाव करके यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ने से रोक सकते हैं, जिनमें से एक है दाल बनाने की विधि। आइए जानते हैं दाल बनाने का सही तरीका-

अधिकांश पोषण विशेषज्ञ कहते हैं कि दाल आपके शरीर में कभी भी यूरिक एसिड नहीं बढ़ाती है बशर्ते आपको इसे ठीक से बनाना हो। जानकारों के मुताबिक अगर आप दाल के गुणों का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं तो एक छोटी सी बात का ध्यान रखना चाहिए।

बनाने से पहले कम से कम 1 घंटे के लिए दाल भिगोए

दाल बनाने से पहले आपको दाल को कम से कम एक घंटे के लिए भिगो देना चाहिए। इससे दाल का स्वाद बढ़ जाता है और पकाने का समय भी कम हो जाता है। कुकर में दाल, पानी, हल्दी और नमक डाल दीजिये और सीधे बन्द करके नहीं पकाना चाहिये।

कूकर में उबाल आने दें

अगर आप चाहते हैं कि दाल खाने से आपका यूरिक एसिड न बढ़े तो सबसे पहले कुकर में दाल, पानी, हल्दी, लहसुन, अदरक और नमक डालकर बिना ढके उबलने दें। दाल में उबाल आने पर उसके साथ झाग भी आता है। उस झाग को एक बड़े चम्मच की सहायता से हटा दें और फिर कुकर को बंद करके दाल को पका लें। यह झाग ही यूरिक एसिड को बढ़ाता है।

पुराने जमाने में जब लोगों के घरों में कुकर नहीं होता था और दाल को सागली (गोल आकार के बर्तन) में चूल्हे पर पकाया जाता था; तो झाग निकल जाता था। जिससे शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की प्रवृत्ति कम हो जाती थी। और लोग बुढ़ापे में भी इस समस्या के शिकार नहीं हुए। दाल बनाते समय जउसमें हींग और करी पत्ते का इस्तेमाल करना चाहिए। करी पत्ते के नियमित सेवन से न सिर्फ यूरिक एसिड कम होता है बल्कि यूरिक एसिड भी नहीं होने देता।