Pregnancy After Miscarriage: गर्भपात (Miscarriage) का सामना करना किसी भी महिला के लिए भावनात्मक और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण घटना होती है और इससे उबर कर एक बार फिर से हेल्दी गर्भधारण की तैयारी करने के लिए आपको हर तरह से तैयारी करनी पड़ती है। ऐसे में हम कोशिश करते हैं कि जो पिछली बार गलती हुई है या फिर शंका है, तो उन्हें न करें। इसके चलते कई बार हम काफी तनाव ले लेते हैं। अगर आप भी मिसकैरेज के बाद फिर से प्रेग्नेंसी के बारे में सोच रही है, तो अपोलो क्रेडल एंड चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, चिराग एंक्लेव, नई दिल्ली की प्रसूति एवं स्त्री रोग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तेजश्री श्रोत्री के इन टिप्स को अपना सकते हैं। इससे आप हेल्दी प्रेग्नेंसी पर ध्यान दे सकती हैं।
अपोलो क्रेडल एंड चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, चिराग एन्क्लेव, नई दिल्ली की प्रसूति एवं स्त्री रोग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तेजश्री श्रोत्री कहती हैं कि गर्भपात के बाद स्वस्थ गर्भधारण की तैयारी में भावनात्मक सेहत को दुरुस्त करना, शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करना, उचित पोषण, नियमित व्यायाम, तनाव को मैनेज करना, नशे से दूर रहना, अपने मासिक धर्म को समझना, धैर्य का पालन करना और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना बहुत जरूरी है। इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आप स्वस्थ गर्भधारण के अवसर बढ़ा सकती हैं और अपने और अपने होने वाले बच्चे के लिए एक सहयोगात्मक वातावरण बना सकती हैं।
इमोशंस को करें कंट्रोल
डॉ. तेजश्री श्रोत्री कहती हैं कि इसकी सबसे पहली सीढ़ी है कि आप अपने भावनात्मक सेहत को दुरुस्त करने पर ध्यान दें। शोक में डूबे रहना एक व्यक्तिगत प्रक्रिया है, जिससे आपको निकलना बेहद जरूर है। ऐसे में आप अपनी फैमिली या फिर किसी डॉक्टर से कंसल्ट कर सकती है। अपनी भावनाएं और चिंताएं शेयर करने से आपका तनाव कम होगा, जो आपके पूरे स्वास्थ्य और भविष्य में गर्भधारण के लिए बहुत जरूरी है। शारीरिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
जरूर कराएं ये टेस्ट
गर्भधारण से पहले अपने डॉक्टर के साथ एक बार कंसल्ट जरूर करें, जिससे आप अपना इतिहास और जोखिम के संभावित कारकों की चर्चा कर सकते हैं। यह परामर्श आपको उन मुद्दों की पहचान करने में मदद करेगा जिन्हें फिर से गर्भधारण की कोशिश करने से पहले आपको दूर करना है। दोबारा गर्भधारण के लिए सब कुछ ठीक है यह सुनिश्चित करने के लिए आपका डॉक्टर आपको कई तरह के टेस्ट जैसे हार्मोन लेवल, थायरॉयड के कार्य और गर्भाशय मूल्यांकन आदि करवाने को कह सकता है।
डाइट रखें हेल्दी
डॉ. तेजश्री श्रोत्री कहती हैं कि महिला को अपने डाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए अपनी डाइट में हेल्दी से हेल्दी चीजों को शामिल करें। अपनी डाइट में अनाज, फल, सब्जियां, पतला मीट और हेल्दी फैट्स जरूर लें।. फोलेट या फोलिक एसिड सप्लीमेंट लेना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे न्यूरल ट्यूब विकारों को रोकने में मदद करते हैं। अपनी जरूरत के अनुसार विटामिन और सप्लीमेंट के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
नियमित रूप से करें एक्सरसाइज
नियमित शारीरिक व्यायाम स्वस्थ गर्भधारण के लिए एक और महत्वपूर्ण कार्य है। हल्के व्यायाम जैसे टहलना, तैरना या प्रसव पूर्ण योग करना जरूरी है। ये गतिविधियां न केवल शारीरिक फिटनेस को को बढ़ाती हैं, बल्कि तनाव को कम कर मूड भी बेहतर करती हैं। कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर परामर्श करें कि आपकी विशेष स्थिति के लिए यह सुरक्षित तो है।
स्ट्रेस फ्री रहना जरूरी
हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने स्ट्रेस का ध्यान रखें। तनाव के कारण शरीर पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में तनाव को कम करने के लिए गहरी सांस लेने के व्यायाम, ध्यान या माइंडफुलनेस को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। ये आपके दिमाग और शरीर को शांत रखने में मदद कर सकते हैं जो गर्भाधान और गर्भावस्था दोनों के लिए अनुकूल माहौल बनाते हैं। पर्याप्त नींद भी बहुत जरूरी है। हर रात 7 से 9 घंटे की नींद लेना आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहयोग करता है।
इन चीजों से बनाएं दूरी
डॉ. तेजश्री श्रोत्री के अनुसार, अगर आप प्रेग्नेंसी के बारे में सोच रही है, तो तंबाकू, शराब और किसी भी प्रकार के ड्रग्स से दूर रहना है क्योंकि ये प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था के परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। यदि आप पहले से कोई दवा ले रही हैं तो डॉक्टर से परामर्श कर उसकी समीक्षा करें कि गर्भावस्था के लिए ये दवाएं सुरक्षित हैं कि नहीं। पर्यावरण सबंधी कारक भी अपनी भूमिका निभाते हैं। जहां तक संभव हो प्राकृतिक और ऑर्गेनिक उत्पादों का उपयोग करें ताकि विषाक्त पदार्थों और रसायनों का उपयोग सीमित हो सके। प्रदूषकों, भारी धातुओं और कुछ क्लीनिंग एजेंट्स से दूरी आपके प्रजनन स्वास्थ्य के लिए संभावित खतरों को कम कर सकती है।
माहवारी चक्र को समझना जरूरी
अपनी माहवारी के चक्र (Menstruation Circle) को समझना गर्भाधान (Pregnancy) की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। अपने मासिक चक्र पर नजर रखकर आप फर्टाइल अवधि यानी अपने मासिक चक्र के उन दिनों को पहचान सकती हैं जिनमें गर्भाधान की संभावना सबसे अधिक है। अण्डोत्सर्ग (Ovulation) को बताने वाली किट, बुनियादी शारीरिक तापमान चार्ट या प्रजनन क्षमता पर नज़र रखने वाले ऐप्स मददगार साबित हो सकते हैं। प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था अप्रत्याशित हो सकती है और गर्भधारण में समय लग सकता है। खुद पर अनावश्यक दबाव न डालें और इसे स्वीकार करें कि हर व्यक्ति का सफर अलग होता है। अपनी भावनाओं, चिंताओं और उम्मीदों के बारे में अपने जीवनसाथी के साथ खुला संवाद करना आपके संबंधों और सपोर्ट सिस्टम को मजबूत कर सकता है।
प्रेग्नेंसी में ये चीजें भी करेगी मदद
शिक्षा सशक्तिकरण लाती है। किताबें पढ़ें, कार्यशालाओं में जाएं या गर्भपात का सामना कर चुकी और फिर से गर्भाधान की कोशिश कर रही महिलाओं के लिए बने सहायता समूहों में शामिल हों। प्रक्रिया की जानकारी, संभावित चुनौतियों और इस स्थिति का सामना करने की रणनीतियाँ आराम और आत्मविश्वास प्रदान कर सकती हैं।
फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी
फाइनेंशियल प्लानिंग एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है। गर्भावस्था और बच्चे का पालन वित्तीय जिम्मेदारी साथ लाता है। अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करें, एक बजट तैयार करें और बीमा के विकल्प भी देखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आगे के सफर के लिए आप वित्तीय रूप से तैयार हैं। आखिर में, सकारात्मक मानसिकता विकसित करें। एक खुशहाल गर्भावस्था और उसकी सुखद परिणीति के बारे में सोचें। अपने आसपास सकारात्मक रखें और नकारात्मक प्रभावों और कहानियों से दूर रहें जो अनावश्यक चिंताओं का कारण बनें। सकारात्मक कथन और उम्मीद बनाए रखना आपकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है जो गर्भावस्था के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देता है।