स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं। कोरोना महामारी आने से बच्चों का भी स्क्रीन टाइम बढ़ने लगा और जिससे धीरे -धीरे आंखों का कमजोर होना व अन्य कई समस्याएं भी बच्चों को होने लगीं। वहीं ऑफिस में अधिकतर लोग अपना काम लैपटॉप ,कंप्यूटर के जरिए ही करते हैं और जिस कारण उन्हें कई घंटे स्क्रीन पर अपना समय बिताना पड़ता है।
अधिक स्क्रीन टाइम से सिर दर्द होना एक आम समस्या है लेकिन कई बार यह समस्या कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनने लगती है। क्या आप जानते हैं अधिक स्क्रीन टाइम के कारण आपको माइग्रेन की समस्या भी हो सकती है। आइए जानते हैं किस प्रकार अधिक स्क्रीन टाइम से माइग्रेन की समस्या बढ़ रही है और कैसे इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।
माइग्रेन और स्क्रीन टाइम का संबंध (Relation between screen time and migraine)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जो लोग रोजाना स्क्रीन टाइम पर अधिक समय बिताते हैं, उन लोगों में अक्सर सिर दर्द की परेशानी होने लगती है। कई बार यह सिर दर्द इतना बढने लगता है कि माइग्रेन जैसी गंभीर बीमारी का रूप भी ले लेता है और यह समस्या युवाओं में अधिक देखने को मिल रही है।
बता दें कि लैपटॉप या कंप्यूटर पर लगातार कई घंटे काम करने से सिर दर्द की सबसे बड़ी वजह आई स्ट्रेन ( ज्यादा देर तक स्क्रीन पर काम करने से आंखों में थकान महसूस होने लगती है ) जो घंटो तक स्क्रीन पर फोकस करने से हो रही है। इसके अलावा अगर स्क्रीन की लाइट ज्यादा होती है तो वह आपकी आंखों भी अधिक प्रभावित करती है। जिसके कारण सिर दर्द माइग्रेन की समस्या बढ़ने लगती है।
अधिक स्क्रीन टाइम से होने वाली परेशानियां
- सिर दर्द की समस्या होना।
- आंखों का कमजोर होना।
- दिखाई देने में परेशानी महसूस होना।
- आई स्ट्रेन की समस्या होना।
- गर्दन व पीठ में दर्द होना।
माइग्रेन की समस्या को कम करने के उपाय (Tips to reduce the problem of migraine)
स्क्रीन की लाइट एडजस्ट करें : नेत्र रोग विशेषज्ञों के अनुसार लैपटॉप ,कंप्यूटर की ब्राइटनेस खास ख्याल रखें। क्योंकि अधिक लाइट होने से भी आंखें कमजोर हो सकती हैं और माइग्रेन की समस्या भी बढ़ने लगती है। वहीं दूसरी ओर कम ब्राइटनेस आपकी आंखों को प्रभावित करती है। इसलिए ब्राइटनेस को मैंटेन करके रखें।
कुछ देर के लिए ब्रेक लें : लगातार स्क्रीन पर काम करने से माइग्रेन की समस्या बढ़ने लगती है। इसलिए काम के बीच कुछ देर का ब्रेक अवश्य लें। फिर वह भले ही 5 से 10 मिनट का ब्रेक ही क्यों न हो। ऐसा करने से आपके दिमाग और आंखों कोआराम मिलता है और स्क्रीन के कारण होने वाला माइग्रेन का खतरा भी कम होने लगता है।
दूरी का ध्यान रखें : स्क्रीन की टाइम व ब्राइटनेस के साथ मॉनिटर से उचित दूरी का भी खास ख्याल रखें। क्योंकि ज्यादा नजदीक बैठने से भी आपकी आंखों के साथ दिमाग पर भी जोर पड़ता है। इसलिए आपकी आंखों से मॉनिटर की दूरी लगभग 20 से 25 इंच जरूर होनी चाहिए।