Thyroid in Women: पहले जहां उम्रदराज लोग थायरॉयडड की चपेट में आते थे वहीं, आज के समय में व्यस्क भी इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। खराब जीवन-शैली व अनहेल्दी खानपान के कारण लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। बता दें कि ‘थायरॉयड’ गर्दन में एक विशेष ग्लैंड को कहा जाता है जो थायरोक्सिन नामक हार्मोन का उत्पादन करती है। ये हार्मोन शारीरिक गतिविधियों के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति में इस हार्मोन का प्रोडक्शन अनियमित मात्रा में हो लगे तो उससे थायरॉयड नाम की बीमारी हो जाती है। वहीं, महिलाओं में थायरॉयड की अधिकता इनफर्टिलिटी का कारण भी बन सकती है, ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं इन संकेतों को न करें नजरअंदाज-
थायरॉयड और इनफर्टिलिटी: अध्ययनों के मुताबिक भारत में करीब 20 प्रतिशत महिलाओं में थायरॉयड बीमारी की पहचान नहीं हो पाती है। ऐसे में ये बीमारी महिलाओं में इनफर्टिलिटी की वजह बन सकती है। शरीर में थायरॉयड हार्मोन के स्तर में कमी यानि कि हाइपोथायरॉयडिज्म होने पर ओव्यूलेशन की प्रक्रिया बाधित होती है जिससे महिलाएं बांझपन की शिकार हो सकती है। इसके अलावा, हाइपोथायरॉयडिज्म की स्थिति में ओवरीज में प्रोजेस्टीरोन का उत्पादन भी कम मात्रा में होता है जिससे प्रेग्नेंसी में दिक्कत आती है।
हाइपर-थायरॉयडिज्म ऐसे करता है असर: अनकंट्रोल हाइपर थायरॉयड से महिलाओं में प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में मिसकैरेज का खतरा बढ़ता है। ओवर एक्टिव थायरॉयड यानि कि हाइपरथायरॉयडिज्म का अगर सही ढ़ंग से इलाज न हो तो इससे महिलाओं को कंसीव करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, गर्भधारण करने के बाद हाइपर थायरॉयड के कारण गर्भवती महिलाओं में बीपी, प्री-मच्योर डिलिवरी, शिशु का पूर्ण रूप से विकास न होने जैसी जटिलताएं आ सकती हैं।
इन लक्षणों पर दें ध्यान: इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण जल्दी सामने नहीं आते हैं। आमतौर पर थायरॉयड से पीड़ित महिलाओं को बार-बार भूख लगती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बीमारी में लोगों का मेटाबॉलिज्म बुरी तरह से प्रभावित होता है जिससे कि भोजन को पचने में अधिक समय नहीं लगता। इसके अलावा, मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ने के कारण कब्ज या फिर पेट खराब की समस्या होना भी थायरॉयड की ओर संकेत करता है। वहीं, जरा सा काम करने के बाद थकान महसूस करना और मौसम में बदलाव होने पर कई परेशानियों का सामना करना भी इस बीमारी के लक्षण हैं। वजन कम होने, त्वचा को ड्राई हो जाने, कब्ज या फिर अधिक समय तक मासिक धर्म का रहने पर भी महिलाओं को थायरॉयड से संबंधित टेस्ट्स करवाने चाहिए।