कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर सबसे अधिक खतरनाक रही है। नवंबर में इस लहर ने सबसे अधिक मरीजों को अपनी चपेट में लिया और बड़ा नुकसान किया। बीते माह सामने आए आंकड़ों से दिल्ली के ये हाल सामने आए हैं। हालांकि मौत के आंकड़े को भले ही दिल्ली सरकार नहीं थाम पाई हो लेकिन संक्रमण दर में गिरावट जरूर दर्ज की गई है। सितंबर की शुरुआत में दिल्ली सरकार ने खुद माना था कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर है।

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में नवंबर में कोरोना संक्रमण की वजह से मौतों का आंकड़ा तीन माह की तुलना में सबसे अधिक रहा है। यह आकलन एक नवंबर से 30 नवंबर की मौतों के आंकड़े के आधार पर हुआ है। एक नवंबर तक दिल्ली में कुल 6562 मौत दर्ज की गई थी जबकि 30 नवंबर तक यह आंकड़ा बढ़कर 9174 हो गया था।

इस प्रकार नवंबर तक मौतों का कुल आंकड़ा 2612 दर्ज किया गया। जो जून की लहर से भी अधिक है। एक जून 2020 को मौतों का आंकड़ा 523 था जो माह के अंत में बढ़कर 2742 तक पहुंच गया था। इस प्रकार जून 2020 में कुल 2219 मौतों हुए थी। जो बीती लहर की तुलना में अधिक है। सरकारी आंकड़े के हिसाब से सितंबर में 899 व अक्तूबर में 1110 मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है।

सील क्षेत्र बताते हैं कि तेजी से बढ़ा है मरीजों का आंकड़ा : दिल्ली में सील क्षेत्रों की संख्या के आधार पर भी कोरोना संक्रमित मरीजों के आकलन का साफ पता चलता है। अधिक संक्रमण के मामले आने की वजह से दिल्ली सरकार को अधिक संक्रमित सील क्षेत्र बनाने की जरूरत पड़ी है। केवल नवंबर में सील क्षेत्रों की संख्या में 2193 का इजाफा करना पड़ा। जबकि अक्तूबर माह में इस आंकड़े में केवल 659 सील क्षेत्र का ही इजाफा था। अक्तूबर की शुरुआत में सील क्षेत्र 2615 थे जो माह के अंत तक बढ़कर 3274 तक पहुंच गए थे।

नवंबर में कोरोना संक्रमण दर औसतन 7.24 तक गिरी : कोरोना संक्रमण के मामलों में नवंबर की शुरुआत में लगातार तेजी से अधिक मामले सामने आ रहे थे। पहले सप्ताह में यह दर अपने सबसे अधिक पीक पर थी और 15.26 फीसद तक पहुंची थी।