Diet Tips for Fatty Liver Patients: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार लोगों की खराब जीवन शैली का ही परिणाम फैटी लिवर है। खाने-पीने की क्रिया से संबंधित कार्यों के अलावा लिवर ब्लड से कई प्रकार के हानिकारक पदार्थों को भी बाहर निकालता है। बताया जाता है कि जो लोग ज्यादा पीते हैं उनमें फैटी लिवर का खतरा अधिक होता है। बता दें कि शराब पीना लिवर के  लिए बेहद हानिकारक है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि अगर आप शराब नहीं पीते तो आपको लिवर से संबंधित कोई बीमारी नहीं हो सकती है। यही कारण है कि फैटी लिवर के मरीजों को अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए। ऐसे में फैटी लिवर के मरीजों को कुछ ड्रिंक्स से दूरी बना लेनी चाहिए –

एल्कोहल: एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शराब का अत्यधिक सेवन फैटी लिवर के कारकों को बढ़ाता है। बता दें कि हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब लिवर के अंदर 5 प्रतिशत से ज्यादा फैट मौजूद हो तो उस स्थिति को फैटी लिवर कहते हैं। एल्कोहल के अधिक इस्तेमाल से लिवर में फैट बढ़ने लगता है। यही फैट जमा होते-होते फैटी लिवर का रूप ले लेता है। सिर्फ इतना ही नहीं, ज्यादा शराब पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन भी हो सकती है इस वजह से लिवर के मरीज दूसरी बीमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं।

बीयर: कई लोगों का ऐसा मानना है कि बीयर में एल्कोहल की मात्रा कम होती है। ऐसे में इसके सेवन से लिवर को कोई नुकसान नहीं होगा। हालांकि, बीयर में कैलोरीज की मात्रा बहुत अधिक होती है। अगर लोग एक बार में 2 या उससे अधिक ड्रिंक लेते हैं तो इससे शरीर में कैलोरीज बहुत अधिक मात्रा में पहुंचता है। इसके अलावा, पिना कोलाडा भी एल्कोहोलिक ड्रिंक है जो लिवर के लिए नुकसानदायक होता है। बताया जाता है कि इसमें कैलोरीज की मात्रा हैमबर्गर से भी ज्यादा होती है।

सोडा और सॉफ्ट ड्रिंक: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जिन ड्रिंक्स में रिफाइंड शुगर मौजूद होता है और फ्रुक्टोज उच्च मात्रा में पाया जाता है उन्हें अपनी डाइट से हटा देना चाहिए। ऐसे में कोल्ड ड्रिंक्स या सोडा से परहेज करना चाहिए।

फ्रूट जूस: एक्सपर्ट्स के अनुसार ताजे फल लिवर को जितना स्वस्थ रखते हैं, उतना ही नुकसान पहुंचाते हैं फलों के रस। इनमें फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होती है जो लिवर को नुकसान पहुंचाता है। ये लिवर में फैट की मात्रा को बढ़ाते हैं जो लोगों को नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज का मरीज बना सकता है।