लंग्स यानी फेफड़े हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जो बिना रुके लगातार काम करते हैं। फेफड़ों के जरिए ही कोई भी व्यक्ति सांस ले पाता है, ऑक्सीजन शरीर में प्रवेश कर पाती है, जो किसी के भी जिंदा रहने के लिए सबसे जरूरी है। ऐसे में फेफड़ों का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी हो जाता है। हालांकि, बढ़ते हुए प्रदूषण, धूल, विषाणु संक्रमण के कारण फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। इसके अलावा कई लोगों को स्मोकिंग की आदत होती है, जो इन्हें तेजी से सड़ाने का काम करती है। इससे फेफड़ों में कफ जमा होने लगता है जो समय के साथ अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी का कारण बनता है। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति को सांस तक लेने में तकलीफ होने लगती है। इसी कड़ी में इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो जर्जर फेफड़ों में भी नई जान डाल सकती हैं। इतना ही नहीं, आयुर्वेद के अनुसार, इन खास जड़ी-बूटियों का सेवन फेफड़ों में जमा गंदगी को निचोड़कर तेजी से बॉडी से बाहर करने पर असरदार साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इनके बारे में-
आयुर्वेद में कई औषधि वनस्पतियों को फेफड़ों की सेहत सुधारने में लाभदायक बताया गया है। इनमे से कुछ इस प्रकार हैं-
पिप्पली
पिप्पली का स्वाद काली मिर्च की तरह बेहद तीखा होता है। आयुर्वेद के अनुसार, इसमें मौजूद औषधीय गुण, फेफड़ों की सफाई कर अस्थमा सहित कई बीमारियों में सहायक सिद्ध होते हैं। इसकी तासीर गर्म होती है जो फेफड़ों में जमा कफ को पिघलाकर काली खांसी की समस्या से छुटकारा दिला सकती है।
अदरक
अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण फेफड़ों में सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। बता दें कि फेफड़ों में सूजन ही अस्थमा का कारण बनती है। ऐसे में अदरक अस्थमा से राहत दिलाने में असरदार साबित हो सकता है।
मुलेठी
आयुर्वेद में मुलेठी को दवा माना जाता है। अदरक की तरह ही मुलेठी में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा कई शोध में खुलासा हुआ है कि मुलेठी बीड़ी-सिगरेट पीने की बुरी लत से छुटकारा दिला सकती है। ऐसे में इसके सेवन से फेफड़े मजबूत होते हैं।
लहसुन और प्याज
इन तमाम जड़ी-बूटियों से अलग लहसुन और प्याज भी फेफड़ों को क्लीन रखने में आपकी मदद कर सकते हैं। आमतौर पर इन दोनों चीजों का सेवन सांसों में दुर्गंध का कारण बनता है। हालांकि, बेहद कम लोग जानते होंगे कि प्याज और लहसुन ऐंटीऑक्सीडेंट्स और ऐंटीफंगल एस्ट्रिजेंट के रूप में काम करते हैं, जो फेफड़ों में सांस के जरिए पहुंचने वाले पलूशन पार्टिकल्स, डस्ट पार्टिकल्स औ बैक्टीरिया आदि को जमा नहीं होने देते। ऐसे में इनका सेवन इससे लंग्स साफ और सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।