Respiratory System: भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस दूसरी लहर की चपेट में हर उम्र के लोग आ रहे हैं। चाहे बच्चे हों या बुजुर्ग, हर किसी को खतरा बराबर है। ये वायरस मरीजों के फेफड़ों को प्रभावित करता है जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी भी हो सकती है। इस वायरस के प्रकोप से बचने के लिए लोग मास्क पहन रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।

इसी तरह कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से भी लोगों को लाभ होगा। इससे मस्तिष्क शांत रहता है, शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, मूड बेहतर होता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी बढ़ती है। आइए जानते हैं विस्तार से –

एब्डोमन ब्रीदिंग: एब्डोमन ब्रीदिंग जिसे बेली ब्रीदिंग कहते हैं जो पूरी तरह से ऑक्सीजन एक्सचेंज को बढ़ावा देता है। इस तरह से सांस लेने पर दिल की धड़कन धीमी हो जाती है और रक्तचाप का स्तर नियंत्रित रहता है। सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर या फिर बिस्तर पर अपने सिर और घुटनों के नीचे तकिया लेकर लेटें। अपने एक हाथ को बेली बटन के पास रखें और दूसरे को दिल के पास। अब नाक से सांस लें और धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़ें और पेट से पूरी हवा को बाहर निकालें।

कपालभाति प्राणायाम: ये प्राणायाम फेफड़े की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। इसे करने के लिए सबसे पहले रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए बैठ जाएं। हथेलियों को घुटने पर रखें। इसके बाद लंबी और गहरी सांस अंदर लें। सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचे। जितना संभव हो सके उतनी बार इस अभ्यास को करें।

उज्जायी प्राणायाम: इस प्राणायाम को करने से फोकस बेहतर होता है, शरीर से टेंशन बाहर निकल जाता है और बॉडी का अंदरुनी तापमान संतुलित रखता है और फेफड़ों की कार्य क्षमता को भी बेहतर करता है। ध्यान की मुद्रा में बैठें और आंखें बंद व रीढ़ की हड्डी सीधी करें। मुंह से लंबी सांसे लें जिससे हवा की नली तक एयर पास हो सके। फिर कुछ देर हवा को अंदर रोकें और निकाल दें। वायु को अंदर खींचते व बाहर छोड़ते समय गले से खर्राटें की आवाज निकलनी चाहिए। इस तरह इस क्रिया का पहले 5 बार अभ्यास करें।