गजेंद्र सिंह

तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की तस्वीर छापने के बाद अब तंबाकू छोड़ने के लिए ‘क्विटलाइन नंबर’ यानी तंबाकू छुड़वाने में मदद करने वाला हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी इस निशुल्क नंबर पर फोन करने पर आपको तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही भारत तंबाकू उत्पादों पर क्विटलाइन नंबर जारी करने वाला एशिया का चौथा देश बन गया है। मौजूदा समय में 47 देश तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर क्विटलाइन नंबर छाप रहे हैं।

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 3 अप्रैल 2018 को जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक, इस नियम को एक सितंबर 2018 से लागू कर दिया गया है। अब तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर कैंसर का चित्र 40 फीसद की जगह 85 फीसद दिखाई देगा और यह पैकेट के दोनों तरफ होगा। हालांकि एक सितंबर से बाजारों में तंबाकू के पैकेटों पर मंत्रालय के नए नियम के मुताबिक चित्र और क्विटलाइन नंबर छपने शुरू हो जाने चाहिए थे, लेकिन पुराना माल खत्म न होने के कारण नई चेतावनी वाले पैकेट अभी नहीं आए हैं। लिखित चेतावनी में नए नियम के मुताबिक ‘तंबाकू से कैंसर होता है’ के साथ अब ‘तंबाकू से दर्दनाक मौत होती है’ भी छापा जाएगा। यह लाल पृष्ठभूमि पर सफेद रंग से लिखा होगा। इसके साथ ही पैकेट पर ‘आज ही छोड़ें, कॉल करें 1800-11-2356’ भी लिखा हुआ होगा।

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पल्मोनरी विभाग के अध्यक्ष और तंबाकू अभियान से जुड़े डॉ सूर्यकांत बताते हैं कि इस पहल से काफी फायदा होगा। तंबाकू पर काम करने वाली संस्था वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वीएचआइ) के कार्यक्रम प्रबंधक बिनॉय मैथ्यू बताते हैं कि कंपनियों पर दबाव है कि वे जल्द से जल्द नए निर्देशों के साथ तंबाकू उत्पाद बाजार में उतारें, लेकिन अभी पुराने स्टॉक को खपाया जा रहा है, इसलिए संभावना है कि जल्द ही नए पैकेट बाजार में होंगे।

इन देशों में चल रहा है क्विटलाइन नंबर
वीएचआइ के बिनॉय बताते हैं कि करीब 47 देशों में क्विटलाइन नंबर चल रहा है। इसमें अमेरिका, ऑस्टेÑलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और यूनाइटेड किंगडम के साथ कई देश शामिल हैं। अब भारत भी इस सूची में है। सार्क देशों में भारत ऐसा करने वाला पहला देश है और एशिया में चौथा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, क्विटलाइन नंबर जारी होने के बाद इन देशों में तंबाकू छोड़ने के लिए काफी लोगों ने संपर्क किया है। गेट्स 2016-17 (वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि 92 फीसद वयस्क धूम्रपान और 96 फीसद लोग धुआंरहित तंबाकू को बड़ी बीमारी का कारण मानते हैं। ऐसे में यह साफ है कि इससे अच्छा परिणाम तंबाकू छोड़ने वालों के प्रति दिखाई देगा।

उत्तर प्रदेश से आते हैं सबसे अधिक फोन
वैसे तो तंबाकू हेल्पलाइन नंबर 1800-11-2356 की शुरुआत 30 मई 2016 को ही हो गई थी, लेकिन अभी तक ज्यादा लोगों को यह नंबर पता नहीं था। हेल्पलाइन से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं कि मौजूदा समय में एक दिन में 3000 फोन आते हैं, लेकिन बात सिर्फ 400 लोगों से ही हो पाती है, क्योंकि एक नंबर पर बात करने में ही 20 से 30 मिनट का समय खर्च होता है, ऐसे में सभी से बात कर पाना मुश्किल है। सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के युवाओं के फोन आते हैं। इनमें महिलाओं के फोन का आंकड़ा कम है। यह आंकड़ा 80 पुरुषों और 20 महिलाओं का है।