मार्च का महीना आने को है, इसी के साथ वातावरण में भी बदलाव आना शुरू हो गया है। जहां दिन में गर्मी तो शाम होते ही सर्दी महसूस होती है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में ज्यादा अंतर होने से शरीर खुद को इस अनुसार आसानी से ढाल नहीं पाता है। ऐसा बदलता मौसम किसी को भी बीमार कर सकता है। खान-पान या फिर गर्म कपड़े पहनने को लेकर की गई लापरवाही से भी स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और आप सर्दी-जुकाम, दस्त, वायरल फीवर, गले में दर्द, खांसी, बदन दर्द आदि जैसी बीमारियों के चपेट में आ सकते हो। ऐसे में खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, ताकि मौसम की वजह से होने वाली छोटी-मोटी बीमारियों से बचा जा सके।

एक दम से न उतारें स्वेटर
जाती हुई सर्दी को हल्के में लेने से परेशानी बढ़ सकती है। थोड़ी सी गर्मी महसूस होने पर हॉफ स्लीव्स कपडे पहनने की गलती न करें। फुल स्लीव कपड़ें पहनें, इससे आप बीमार होने से बच सकते हैं। अन्यथा आप सर्दी जुकाम या बुखार के चपेट में आ सकते हैं।

एलर्जी से बचाएगा मास्क
इस मौसम में धूल भरी हवाएं खूब चलती है, जिसके कारण एलर्जी या सांस की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को परेशानी हो सकती है। वहीं वातावरण में सर्दी-जुकाम, खांसी के अलावा दूसरी बीमारियों के जीवाणु और विषाणु घूमते रहते हैं जिनसे हर पल बीमारी का खतरा बना रहता है। ऐसे में घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग जरूर करें। मास्क मुंह व नाक से होने वाले संक्रमण से बचाता है। आंखों में भी संक्रमण हो सकता है इससे बचने के लिए सनग्लासेस का प्रयोग करें।

भरपूर पानी पिएं
सर्दी हो या गर्मी शरीर को हाइड्रेट करना बहुत जरूरी है। इसके लिए भरपूर पानी का सेवन जरूर करें। पूरी सर्दी गुनगुने पानी पीते रहे हैं, तो अभी भी गुनगुना पानी ही पिएं। गुनगुने पानी से पाचन क्रिया दुुरुस्त रहती है। इतना ही नहीं पानी शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी सहायक होता है। इस मौसम में ठंड़ा पानी पीने से बचें, इससे गला खराब हो सकता है।

ठंडी चीजों से करें परहेज
मौसम बदल रहा है इसलिए अब थोड़ी-थोड़ी प्यास भी लगनी शुरू हो गई है। कभी-कभी ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, चिल्ड पानी या छाछ पीने की तलब भी हो रही है। लेकिन इन चीजों से अभी दूर रहना ही ठीक है, नहीं तो बीमार हो सकते हैं। मौसमी हरी साग-सब्जियां, ताजे फल, सूप और फाइबर युक्त आहार का ही सेवन करें, ये ही आपको बदले मौसम के प्रभाव से बचा सकती हैं।

खाने में बरतें सावधानी
यह मौसम शादी और पार्टियों का भी है। शादी-ब्याह में तला-भुना, खट्टा-मीठा और मसालेदार खाना होता है। मसालेदार और तले-भुने खाने से पेट में कई तरह की समस्या जैसे कि पेट दर्द, उल्टी या दस्त हो सकती है। ऐसा फूड प्वायजनिंग के कारण होता है, इसलिए इस मौसम में थोड़ा संभल कर ही खाएं।

संक्रमण से बचें
यह वायरल इंफेक्शन का मौसम है। घर में घर के बाहर, मेट्रो, बस, सड़क में विषाणु का आपके ऊपर हमला हो सकता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों पर ये विषाणु बड़ी आसान से अपना असर छोड़ते हैं। इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी है साफ-सफाई रखी जाए। चाहे आप दफ्तर में रहें या घर में, बार-बार साबुन व हैंडवॉश से हाथ धोते रहें। बाहर से घर लौटें तो हाथ और चेहरा को अच्छी तरह धोएं।

अगर आपको खांसी हो रही है तो खांसते समय मुंह पर रुमाल जरूर रखें ताकि सामने वाला संक्रमित न हो। जुकाम होने पर नाक की सफाई के लिए अलग से रुमाल रखें और उसकी सफाई भी अलग ही करें। इस मौसम में होने वाला बुखार आमतौर पर साफ-सफाई का थोड़ा खयाल रखने से 5-7 दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है। सावधानियां न बरती जाएं और बुखार लगातार जारी रहे तो निमोनिया या फेफड़े में संक्रमण की समस्या हो सकती है। ऐसा होने पर डॉक्टरी सलाह लेने में जरा भी देरी न करें।

बच्चों का रखें खास ख्याल
बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए बदलते मौसम के साथ वे बीमार पड़ जाते हैं। सर्दी लगने के साथ दस्त की समस्या भी हो सकती है। इसलिए इस मौसम में उन्हें बाजार की बनी चीजें न खिलाएं। बच्चे पानी पीना पसंद नहीं करते। इसलिए उन्हें जूस-सूप जैसी चीजें देते रहे ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। डिहाइड्रेशन होन पर बच्चों को अस्पताल भी ले जाना पड़ सकता है।