स्लीप एपनिया इंसानों को होने वाले कुछ बड़े डिसऑर्डर्स में से एक है। इस डिसऑर्डर की वजह से सांसें कुछ समय के लिए रुक जाती हैं और इसी वजह से हार्ट फेलियर या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी नाक में ब्लॉकेज होने की वजह से होती है। इंसान की नाक द्वारा सांस लिए जाने वाले हिस्से को मेडिकल टर्म्स में अपर एयरवे कहा जाता है। अपर एयरवे में ब्लॉकेज आने की वजह से ही लोगों को स्लीप एपनिया होता है जिसमें उनकी सांसें कुछ समय के लिए रुक जाती है।

हमारे ब्लड में ऑक्सिजन की भी मात्रा होती है। डॉक्टर्स के मुताबिक ब्लड ऑक्सिजन का लेवल 95-100% के बीच में होना चाहिए। स्लीप एपनिया की वजह से ब्लड ऑक्सिजन लेवल में 50% तक की कमी आ सकती है जिससे किसी की मौत भी हो सकती है। सांस रुकने के कारण दिमाग के सेल्स भी डेड हो जाते हैं जिसकी वजह से लोगों की मौत का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं एक्सपर्ट्स का यह भी दावा है कि स्लीप एपनिया डिसऑर्डर के शिकार बने लोगों में से 80% को इस बात ही जानकारी ही नहीं होती की वे इस डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं।

कैसे ठीक हो सकता है यह डिसऑर्डर
सफदरजंग और फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल के डॉक्टर्स की राय के मुताबिक स्लीप डिसऑर्डर पर लोगों को और ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है। इसके अलावा डॉक्टर्स का कहना है कि इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को सही समय पर सोने और पर्याप्त नींद लेने की जरूरत है। इस डिसऑर्डर से बचाव के लिए लोगों को अपना लाइफस्टाइल बदलने की जरूरत है। कई लोग रातभर जागते हैं और इसी वजह से वे स्लीप एपनिया डिसऑर्डर के शिकार हो जाते हैं और इसमें सबसे खतरनाक बात यह होती है कि उन्हें पता भी नहीं लगता कि वे इस डिसऑर्डर का शिकार बन गए हैं।इसके अलावा यह बीमारी ज्यादा शराब पीने वाले लोगों को भी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर्स इस बात पर जोर देते हैं कि लोग अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर ही इस डिसऑर्डर से छुटकारा पा सकते हैं।