Fatty Liver Diet Plan: स्वस्थ रहने के लिए आमतौर पर लोग दूध पीते हैं। कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन-ए जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर दूध सेहत के लिए जरूरी खाद्य पदार्थों में से एक है। फॉस्फोरस, सोडियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों की मौजूदगी के बावजूद भी ये जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति के लिए दूध का सेवन स्वास्थ्यवर्धक ही हो। फैटी लिवर से ग्रस्त मरीजों के लिए दूध स्लो पॉइजन की तरह कार्य करता है। हेपेटिक स्टीटोसिस जिसे आम भाषा में फैटी लिवर कहा जाता है, इसमें लिवर के आसपास अतिरिक्त फैट का निर्माण होने लगता है। आइए जानते हैं क्यों इससे पीड़ित मरीजों को दूध नहीं पीने की सलाह दी जाती है।

इसलिए दूध पीने से करना चाहिए परहेज: फैटी लिवर के मरीजों को खाना पचाने में दिक्कत होती है, ऐसे में उन्हें अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार इस बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए दूध पीने को भी हानिकारक माना गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इन मरीजों को प्रोटीन की अधिकता वाले खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए।

दूध में भी प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, ऐसे में इसके सेवन से भी बचना चाहिए। साथ ही, दूध को पचाने में वक्त भी अधिक लगता है और सूजन व फैट भी बढ़ने लगता है।

लिवर को हेल्दी रखते हैं ड्रिंक्स: लिवर को हेल्दी और रोगों से दूर रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थों को डाइट में शामिल करना चाहिए। तरल पदार्थ जब शरीर में पहुंचते हैं तो ये वहां मौजूद वेस्ट मेटीरियल्स यानी विषैले पदार्थों को बाहर करता है। ऐसे में लिवर पर दबाव कम होता है। ग्रीन टी, छाछ, नारियल पानी और ताजा फलों का रस पीने से फैटी लिवर की समस्या कम होती है।

गर्मियों में लिवर मजबूत करने के लिए पीयें ये ड्रिंक्स: पत्तागोभी में सल्फर, विटामिन सी और पोटैशियम मौजूद होता है, जो लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। इससे बने जूस का सेवन करने से फैटी लिवर के मरीजों को फायदा होगा। नियमित रूप से सुबह-सुबह इस जूस को पीने से फैटी लिवर की समस्या कम होगी। इसके अलावा, सौंफ से बनी चाय भी इस बीमारी को कम करने में प्रभावी है। डॉक्टर्स मानते हैं कि 3 हफ्तों तक रोजाना सुबह-शाम इस चाय को पीने से बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।