रूट कैनाल दांत का एक ट्रीटमेंट है जो दांत के अंदर की संक्रमित नर्व और पल्प को निकालने के लिए किया जाता है। दांत की साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाए तो दांतों में कैविटी होने लगती हैं और दांत में बैसिलस बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। इस कैविटी का इलाज नहीं कराने पर ये बढ़कर नस तक पहुंच जाती है। रूट कैनाल खासतौर पर नस का इलाज है जिसका उद्देश्य दांत को बचाना और दर्द से राहत दिलाना है।

क्लोव डेंटल, मॉडल टाउन में क्लीनिकल हैड डॉक्टर शिल्पी कौर ने बताया कि रूट कैनाल कराने के बाद आपके दांत की अपनी लाइफ नहीं रह जाती, क्योंकि ट्रीटमेंट के दौरान दांत के पल्प निकाल दिए जाते हैं और उसमें आर्टिफिशियल नर्व डाल दिया जाता है। इस ट्रीटमेंट के बाद आपको अपने दांत का खासतौर पर ध्यान रखना होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि रूट कैनाल ट्रीटमेंट कितने चरणों में किया जाता है और इसे कराने के कितने दिनों बाद कैपिंग कराना चाहिए। कैपिंग कराने से पहले कौन-कौन सी सावधानियां बरतना चाहिए।

रूट कैनाल ट्रीटमेंट कितने चरणों में किया जाता है?

  • रूट कैनाल ट्रीटमेंट कराने के लिए सबसे पहले चरण में दांत की जांच की जाती है और उसके संक्रमण का पता लगाया जाता है।
  • संक्रमण का पता लगाने के लिए एक्स रे किया जाता है।
  • इस ट्रीटमेंट को करने के लिए मरीज को सबसे पहले एनेस्थीसिया दिया जाता है।
  • दांत का ट्रीटमेंट करने से पहले दांत के अंदर छिद्र किया जाता है और पल्प को निकाला जाता है।
  • इस ट्रीटमेंट में दांत के अंदर की जगह साफ की जाती है और उसे आकार दिया जाता है ताकि इसे भरा जा सके।
  • दांत को साफ करके उसके अंदर के संक्रमण को हटाकर उसमें गुट्टा-पर्चा भरा जाता है।
  • इस ट्रीटमेंट के अंत में दांत को एक क्राउन या फिलिंग से कवर किया जाता है, ताकि दांत को लम्बे समय तक महफूज रखा जा सके।

रूट कैनाल कराने के फायदे

रूट कैनाल कराने के बाद दांत के दर्द और सूजन को कंट्रोल किया जा सकता है। रूट कैनाल कराकर आप दांत को निकालने के बजाय उसे ही बचाकर रखते हैं। इस ट्रीटमेंट के बाद दर्द से राहत मिलती है। इस ट्रीटमेंट के बाद दांत को नॉर्मल तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एक सुरक्षित और असरदार प्रक्रिया है जिसे मरीज जल्दी ही रिकवर कर लेता है।

रूट कैनाल कराने के कितने दिनों बाद कैपिंग कराना है जरूरी

रूट कैनाल कराने के 15 से 20 दिनों के बाद कैपिंग की जा सकती है। कैपिंग की प्रक्रिया तभी की जाती है जब गम हेल्दी हो जाएं,गम से ब्लीडिंग बंद हो जाएं और सूजन भी कंट्रोल रहे।

रूट कैनाल कराने के बाद कौन-कौन सी बातें का ध्यान रखें

  • इस ट्रीटमेंट को कराने के बाद आप हैवी फूड का सेवन नहीं करें। हैवी फूड का सेवन करने से दांत टूट सकता है, दांत में दर्द बढ़ सकता है।
  • दांत का ट्रीटमेंट कराने के बाद गन्ना, गजक, मखाना जैसी चीज का सेवन नहीं करें। ये दांतों में फंसकर दांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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