स्टेम सेल थेरेपी से आने वाले दिनो में करीब 60 तरह की लाइलाज बीमारियों का सफल इलाज हो सकेगा। इस दिशा में हाल की उपलब्धियों और भविष्य के सपने व चुनौतियों पर चर्चा के लिए 11 जून से राजधानी में स्टेम सेल सोसाइटी (इंडिया) का सम्मेलन शुरू होगा। दो दिन के इस सालाना सम्मेलन में देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से करीब 250 विशेषज्ञ शरीक होंगे। यह जानकारी सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ आलोक शर्मा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दी।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ इस क्षेत्र में बहुआयामी नेटवर्क खड़ा करने की दिशा में भी प्रयास करेंगे। जिन बीमारियों में इलाज की मौजूदा व्यवस्था नाकाम हो रही है, उनकेइलाज के लिए स्टेम सेल में मौजूद संभावनाओं पर दुनिया भर में तेजी से काम हो रहा है और यह काफी लोकप्रिय भी हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि देश में जैव चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा देने के अलावा शोध व उपचार के लिए स्टेम सेल के कानूनी और नैतिक प्रावधानों पर भी चर्चा होगी। जैव तकनीक व स्टेम सेल थेरेपी के लिए यह साझा मंच देगा।
सम्मेलन की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ बीएस राजपूत ने कहा कि भारत में शोधरत चिकित्सक मुख्य रूप से स्नायु रोग विज्ञान, नेत्र विज्ञान ,हृदय रोग विज्ञान, मधुमेह और मस्कुलोस्केलेटल बीमारियों के इलाज पर शोध कर रहे हैं। उदारीकरण के बाद दुनियाभर के विशेषज्ञों ने भारत में बढ़-चढ़कर इस क्षेत्र में काम करना शुरू किया है। यह सम्मेलन उनके लिए कीर्तिमान स्थापित करने वाला व प्रेरणादायी होगा। वे इस दिशा में दुनिया भर में चल रहे काम से एक दूसरे को अवगत कराएंगे।
इस सालाना सम्मेलन के आयोजक सचिव डॉ प्रभु मिश्र ने कहा कि हम शरीर के उन ऊतकों और अंगों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम कर रहे हैं जो बीमारी या जन्मजात विकृतियों के कारण बेकार हो गए हैं। स्टेम सेल में यह अद्भुत क्षमता होती है। यह थेरेपी तमाम मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है।