पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के निष्कर्ष ‘द एडवांसेज इन न्यूट्रिशन’ जर्नल में प्रकाशित हुए एक नए अध्ययन के अनुसार रोजाना नियमित रूप से आलूबुखारे के सेवन से पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में कूल्हे और हड्डियों में फ्रैक्चर के बढ़े हुए रिस्क को कम किया जा सकता है।
शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि कूल्हे पर बोन मिनरल डिपॉजिट (बीएमडी) पर आलूबुखारे के सेवन को लेकर उसके अनुकूल प्रभाव को दर्शाने वाला था, शोध में पाया गया कि हड्डियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए खाद्य-आधारित चिकित्सीय विकल्प के रूप में आलूबुखारा कारगर साबित हो सकता है।
बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) टेस्ट हड्डियों की मजबूती की जांच के लिए करवाया जाता है। इस टेस्ट के जरिये ड्यूअल एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पटियोमेट्री (डेक्सा) मशीन की मदद से हड्डियों के घनत्व यानी डेंसिटी को परखा जाता है। साथ ही हड्डियों की कमजोरी की वजह का पता लगाया जाता है।
शोध में पाया गया कि मेनोपॉज या 50 से अधिक उम्र की महिलाओं में तेजी से बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) के कम होने के कारण कूल्हे के फ्रैक्चर का होने की संभावना अधिक हो जाती है, जिसकी वजह से आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होने से लेकर मृत्यु होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों की मानें तो आलूबुखारे में कैल्शियम पाया जाता है। आलूबुखारे के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस रोग का खतरा भी कम हो जाता है। इसके लिए रोजाना आलूबुखारे का सेवन करें। आप चाहे तो आलूबुखारे के जूस का भी सेवन कर सकते हैं।
कैलिफ़ोर्निया के Prune बोर्ड की सलाहकार एंड्रिया एन जियानकोली ने बताया कि कुछ मुट्ठी भर आलूबुखारे को कोई भी अपने दैनिक जीवन में जोड़ सकता है। आगे उन्होंने बताया कि कई प्रकार के स्वाद से भरपूर आलूबुखारा व्यक्तिगत पोषण के लिए अच्छी तरह से काम करते हैं। सलाद, ट्रेल मिक्स, स्मूदी अन्य पसंदीदा व्यंजनों के साथ मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है। आलूबुखारा का प्राकृतिक रूप से मिठास और विभिन्न प्रकार के इंग्रीडिएंट से भरपूर होता है, जो किसी भी स्नैक को बेहतरीन बनाता है।
शोध के मुताबिक प्रति 100 ग्राम कैलोरी में आलूबुखारा हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर है, जिसमें बोरॉन, पोटेशियम, तांबा और विटामिन के प्रचुर मात्रा में मौजूद है।
शोध में यह भी पाया गया कि आलूबुखारा फेनोलिक यौगिकों में भरपूर है, जो एक प्रकार के एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं। Prunes हर मौसम में पाए जाते हैं और इनका वैश्विक स्तर पर आनंद लिया जाता है। आलूबुखारे को किसी भी तरह से प्रिजर्व करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है, और सभी के लिए आसानी से उपलब्ध होने वाला एक पौष्टिक नाश्ते का विकल्प हो सकता है।
