टाइप 2 मधुमेह और स्ट्रोक: साल 2021 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों को टाइप 2 मधुमेह है, उन्हें इंसुलिन रजिस्टेंस के कारण स्ट्रोक का खतरा होता है। यह अध्ययन यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज (ईएएसडी) द्वारा किया गया है। इस अध्ययन टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित 1 लाख से अधिक लोगों को शामिल किया गया था।

जिसमें चौंकाने वाली यह बात सामने आई है कि टाइप -2 मधुमेह इंसुलिन रजिस्टेंस और स्ट्रोक से जुड़ा हुआ है। इंसुलिन रजिस्टेंस तब होता है जब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के लिए पर्याप्त नहीं बनाती हैं और आसानी से ब्लड से ग्लूकोज नहीं ले सकती हैं। टाइप 2 मधुमेह और स्ट्रोक जोखिम की एक प्रमुख विशेषता रोगी से रोगी में भिन्न होती है।

इंसुलिन रजिस्टेंस जितना अधिक होगा, स्ट्रोक का खतरा उतना ही अधिक होगा। स्वीडन में करोलिंस्का इंस्टिट्यूट, यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग और नेशनल डायबिटीज रजिस्ट्री की एक संयुक्त टीम के नेतृत्व में एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है। टीम ने इंसुलिन रजिस्टेंस के उपाय के रूप में अनुमानित ग्लूकोज (ईजीडीआर) का इस्तेमाल किया। ईजीडीआर को पहले इंसुलिन रजिस्टेंस के लिए एक अच्छा प्रॉक्सी दिखाया गया है।

क्या है इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance)?

इंसुलिन (Insulin) एक हार्मोन है, जो पेंक्रियाज में बीटा कोशिकाओं नामक कोशिकाओं के एक समूह द्वारा स्रावित होता है। इंसुलिन एनर्जी के लिए शरीर ‎की अन्य कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज के अवशोषण (Absorption) में मदद करता है। इंसुलिन रजिस्टेंस एक ऐसी ही स्थिति है, जिसमें कोशिकाएं रक्त शर्करा (blood sugar) को अवशोषित करने में सक्षम ‎नहीं होती हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है।

इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण

धूम्रपान
उच्च रक्तचाप
नींद की समस्या
व्यायाम या योग में कमी
एक गतिहीन जीवन शैली

बता दें कि स्वीडन में 104,697 टी2डी रोगियों के ईजीडीआर की काउंटिंग के लिए स्वास्थ्य का किया गया था। औसतन 5.6 वर्षों तक स्टडी किया गया, इस दौरान 4,201 (4 ) को स्ट्रोक हुआ। सबसे कम इंसुलिन रजिस्टेंस (हाई ईजीडीआर) वाले लोगों में उच्च इंसुलिन रजिस्टेंस वाले की तुलना में स्ट्रोक होने की संभावना 40 प्रतिशत कम थी। अध्ययन में यह भी पाया गया कि हाई इंसुलिन रजिस्टेंस स्ट्रोक के बाद मृत्यु के उच्च जोखिम से जुड़ा था। सबसे गंभीर इंसुलिन रजिस्टेंस वाले लोगों की तुलना में फॉलो-अप अवधि के दौरान कम से कम रजिस्टेंस वाले लोगों की मृत्यु की संभावना 28 प्रतिशत कम थी।

करोलिंस्का इंस्टिट्यूट के अलेक्जेंडर जाबाला के मुताबिक टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्तियों में, कम ईजीडीआर, इंसुलिन रजिस्टेंस का एक सरल उपाय, स्ट्रोक और मृत्यु दर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। जबला ने कहा कि ईजीडीआर का इस्तेमाल टी2डी रोगियों को स्ट्रोक और मौत के जोखिम को बेहतर ढंग से समझने और प्रबंधित करने में मदद के लिए किया जा सकता है।

इंसुलिन रेजिस्टेंस से बचने का तरीका

  • नियमित रूप से व्यायाम करें, चूंकि इससे मांसपेशियां इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं।
  • मोटापे को नियंत्रित करने की कोशिश करें साथ ही डाइट पर ध्यान दें।
  • धीरे-धीरे शारीरिक गतिविधि के स्तर को बढ़ाएं। नींद और स्ट्रेस को बैलेंस करें।
  • इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका डाइट और एक्सरसाइज को ठीक करना है।