मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की हालत नाजुक है। उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया है। दरअसल, उन्हें जिम करते वक्त दिल का दौरा पड़ा था। इसके बाद तत्काल एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उनकी एंजियोप्लास्टी हुई है। फिलहाल उन्हें आईसीयू में वेंटीलेटर पर रखा गया है।
क्यों होता है ब्रेन डेड?
डॉक्टर्स के मुताबिक ब्रेन डेड तब होता है जब कोशिकाएं काम करना बंद कर देती है। इस स्थिति में ब्रेन में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है। अक्सर ब्रेन डेड की स्थिति तब आती है जब इंसान के सिर पर गंभीर चोट लगती है या मरीज ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का शिकार होता है। ब्रेन डेन इंसान को लाइफ सपोर्ट पर रखा जाता है।
ब्रेन डेड और कोमा में अंतर: (Brain death is not the same as coma)
आपको बता दें ब्रेन डेड होना कोमा की स्थिति नहीं है। कोमा में इंसान बेहोश रहता है लेकिन वो जिंदा रहता है। ब्रेन डेड तब होता है जब गंभीर रूप से बीमार मरीज को लाइफ सपोर्ट पर रखा जाता है। उदाहरण के लिए दिल का दौरा या स्ट्रोक होने पर दिल धड़कता रहता है जबकि वेंटिलेटर फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।
इस स्थिति में दिल धड़कता रहता है और बॉडी गर्म रहती है, लेकिन बचने की गुंजाइश बहुत कम होती है । चूंकि मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया है, वेंटिलेटर बंद होने पर व्यक्ति सांस नहीं लेगा। ब्रेन डेड होने की स्थिति में इंसान के बचने की संभावनाएं बेहद कम होती हैं।
ब्रेन डेड के कुछ लक्षणों में शामिल हैं: (Signs of brain death)
- मरीज कोई प्रतिक्रिया नहीं करता
- व्यक्ति दर्द पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाता है,
- आंख की सतह को छूने पर आंखें नहीं झपकतीं (कॉर्नियल रिफ्लेक्स)
- सिर को हिलाने पर आंखें नहीं चलतीं (ओकुलोसेफेलिक रिफ्लेक्स)
- जब बर्फ का पानी कान में डाला जाता है तो आंखें हिलती नहीं हैं (ओकुलो-वेस्टिबुलर रिफ्लेक्स)
- गले के पिछले हिस्से को छूने पर गैगिंग रिफ्लेक्स नहीं होता है
- वेंटिलेटर बंद होने पर व्यक्ति सांस नहीं लेता है।
- एक इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम परीक्षण मस्तिष्क की कोई गतिविधि नहीं दिखाता है
