Kidney Stone Smptoms: किडनी में स्टोन से आज के समय में कई लोग पीड़ित हैं। अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण युवा भी इस समस्या से परेशान नजर आते हैं। किडनी हमारे शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है जो शरीर में खून से टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है। बता दें कि शरीर में पोटैशियम, प्रोटीन, सोडियम और शुगर की कमी के कारण किडनी में पथरी की समस्या हो जाती है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन की वजह से भी किडनी में पथरी हो जाती है। हालांकि, अगर मरीज इन संकेतों को अनदेखा न करें तो इस बीमारी का पता समय पर लगा सकते हैं। किडनी में पथरी होने पर पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है, आइए जानते हैं क्या हैं इस बीमारी के अन्य लक्षण-

ये हैं किडनी स्टोन के लक्षण: किडनी में पथरी होने पर मरीजों को अक्सर बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होती है। इतना ही नहीं पेशाब में बदबू आना और उसका रंग गहरा हो जाना भी गुर्दे में स्टोन का लक्षण है। इसके अलावा, पथरी होने पर मरीजों के पसलियों और पेट में भी दर्द होता है। वहीं, पेशाब करते वक्त जलन व दर्द भी होता है। वहीं, पेशाब में खून आना भी किडनी में पथरी के लक्षण हैं। गुर्दे में पथरी होने पर लोगों को तेज बुखार और उल्टी की परेशानी भी हो सकती है।

ऐसे करें बचाव: किडनी में स्टोन की परेशानी से बचने के लिए लोगों को ज्यादा पानी पीना चाहिए। कम पेय पदार्थ के सेवन से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या आ सकती है जिससे स्टोन का खतरा अधिक हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को नियमित रूप से दिन में दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए। इसके अलावा, अजवाइन का सेवन भी लोगों को इस बीमारी से बचाता है। ये शरीर में से टॉक्सिन पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार होता है। वहीं, एप्पल सिडर विनेगर यानि कि सेब का सिरका भी मरीजों के लिए मददगार साबित हो सकता है। इसमें मौजूद सिट्रिक एसिड पथरी को छोटे-छोटे कणों में काटने का काम करती है।

इनसे करें परहेज: किडनी में पथरी का एक बहुत बड़ा कारण खानपान में लापरवाही को भी माना जाता है। नमक व दूसरे मिनरल्स जब एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं तो पथरी बनने लगती है। ऐसे में लोगों को अपने ईटिंग हैबिट्स का विशेष ख्याल रखना चाहिए। किडनी स्टोन के मरीजों को अपनी डाइट में ज्यादा नॉन वेजिटेरियन खाने को शामिल नहीं करना चाहिए ताकि उनके शरीर में प्रोटीन की मात्रा संतुलित रहे। इसके अलावा, मरीजों के लिए अत्यधिक नमक का सेवन भी हानिकारक साबित हो सकता है। पालक, साबुत अनाज में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, इन्हें खाने से भी बचना चाहिए। साथ ही इन मरीजों को ज्यादा विटामिन सी का सेवन भी नहीं करना चाहिए।