सेहत का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हुए भी कई लोग दांतों की सेहत को नज़रंदाज़ कर देते हैं। नियमित रूप से दिन में दो बार ब्रश करके हम अपने दांतों को स्वस्थ बनाए रख सकते है लेकिन कई लोग इस पर भी ध्यान नहीं देते। हम ये बात भूल जाते हैं कि दांतों की सेहत पर ही हमारा संपूर्ण स्वास्थ्य निर्भर करता है।

आजकल दांतों के सड़ने की समस्या बच्चों से लेकर युवाओं में आम हो गई है। त्योहारों के मौसम में मिठाइयां, चॉकलेट आदि के कारण सड़न की समस्या और गंभीर हो सकती है। दांतों की विशेषज्ञ दीक्षा बत्रा ने युवाओं और बच्चों में कैविटी यानी सड़न को रोकने के 3 उपाय बताए हैं जिन पर अमल कर दांतों को स्वस्थ रखा जा सकता है।

दांतों की सफाई का रखें ख्याल-

डॉक्टर बत्रा कहतीं हैं कि सुबह से लेकर शाम तक हम अपनी दांतों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन जब उसके सफाई की बात आती है तो मुश्किल से ब्रश करने के लिए दो मिनट दे पाते हैं। उनका कहना है कि दांतों के रखरखाव पर काफी कम ध्यान दिया जाता है जिससे उनमें सड़न की समस्या पैदा होती है।

दांतों की सफाई के लिए हमें बैटरी से चलने वले ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए। या हमारे डॉक्टर के बताए अनुसार ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए। टूथपेस्ट ऐसा हो जो हमारे दांतों के साथ साथ मसूड़ों को भी मज़बूत बनाएं। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही टूथपेस्ट का चुनाव करना चाहिए। टंग क्लीनर से अपने जीभ की सफाई भी हर ब्रश के बाद जरूरी है।

फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट और माउथवाश का करें इस्तेमाल- डॉक्टर बत्रा बतातीं हैं कि टूथपेस्ट का चुनाव करते वक़्त ये ध्यान में रखें कि उसमें फ्लोराइड की मात्रा हो। इसी तरह माउथवाश इस्तेमाल करते वक़्त ये ध्यान में रखें कि उसमें फ्लोराइड की मात्रा हो। इससे दांतों को सड़न से सुरक्षा मिलती है और दांत जल्दी टूटने से बचे रहते हैं।

दांतों पर न जमने दें किसी तरह की परत- खाने के बाद जब हम दांतों की सफाई अच्छे से नहीं करते तब उसका कुछ हिस्सा दांतों पर चिपका रह जाता है। यहां बैक्टीरिया पैदा होते हैं और अम्ल का निर्माण कर हमारे दांतों के इनामेल पर एक परत बना देते हैं। इसलिए कुछ भी खाने के बाद दांतों की अच्छे से सफाई करें और सुबह के अलावा रात को सोने से पहले ब्रश जरुर करें।