Fatty Liver Symptoms: फैटी लिवर बीमारी में लिवर के आसपास अधिक चर्बी का जमाव होने लगता है और उसके साइज में भी वृद्धि होती है। इस रोग का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो ज्यादा दवाई खाते हैं, सेडेंट्री लाइफस्टाइल जीते हैं, जो शारीरिक रूप से असक्रिय हैं, मोटापा अथवा डायबिटीज के मरीज या फिर अत्यधिक शराब का सेवन करते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि आज की अस्वस्थ जीवन शैली के कारण भारत में हर 5 में से 1 इंसान को इस बीमारी से पीड़ित होने का खतरा रहता है। माना जाता है कि दुनिया की आबादी का एक-तिहाई हिस्सा फैटी लिवर से पीड़ित है। इसे साइेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इस बीमारी के लक्षण जल्दी नहीं सामने नहीं आते हैं।

लक्षण पहचानकर बीमारी पर पाया जा सकता है काबू: लिवर खाने को प्रोसेस कर उसमें मौजूद सभी टॉक्सिन्स को फिल्टर कर देता है। इम्युनिटी बढ़ाने, ब्लड शुगर कंट्रोल करने और प्रोटीन के प्रोडक्शन में भी लिवर अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में लिवर का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। शुरुआती चरण में ये बीमारी शरीर को प्रभावित नहीं करती है, इसलिए पता नहीं चल पाता है। हालांकि, मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को फैटी लिवर बीमारी से अधिक सतर्क रहना चाहिए। आइए जानते हैं इसके आम लक्षण –

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण: अचानक से वजन कम होना या फिर कमजोरी महसूस करना फैटी लिवर का लक्षण हो सकता है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों में पेट के दाएं ओर के ऊपरी हिस्से में दर्द भी होता है। इसके अलावा, पेट में सूजन और हाजमा का खराब होना भी इस बीमारी के लक्षण हैं। वहीं, कुछ लोगों की आंखे व स्किन फैटी लिवर के कारण पीली पड़ जाती है। इसके अलावा, कुछ लोग फैटी लिवर के कारण हाथ लाल होने की शिकायत भी करते हैं।

कितनी खतरनाक है ये बीमारी: धीरे-धीरे ये बीमारी नॉन एल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) का रूप ले सकती है। इसमें मरीजों के लिवर सेल्स में सूजन होने लगती है। जब फैटी लिवर के मरीज शराब का सेवन करते हैं तो उनमें लिवर सिरोसिस का खतरा रहता है। साथ ही इससे कैंसर होने की आशंका भी बढ़ती है। इस बीमारी के गंभीर मामलों में लिवर कैंसर का खतरा भी हो सकता है। यही नहीं, मरीजों में पैनक्रियाज, बड़ी आंत व ब्रेस्ट कैंसर की संभावना भी बढ़ जाती है।