पिछले कुछ सालों में युवाओं में दिल के रोगों का खतरा तेजी से बढ़ा है।  सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार हर 33 सेकंड में एक व्यक्ति दिल के रोगों (Cardiovascular Diseases- CVDs) से मरता है। वर्ष 2022 में 702,880 लोगों की मौत दिल के रोगों के कारण हुई है जो हर पांच में से एक मौत के बराबर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक CVDs वैश्विक स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण हैं, जो हर साल अनुमानित 1.79 करोड़ लोगों की जान लेते हैं। दिल के रोगों का आंकड़ा डराने वाला जरूर है लेकिन ये आपको सतर्क भी करता है। दिल की सेहत को दुरुस्त करने के लिए हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है।

दिल के रोगों के लिए सबसे मुख्य कारण LDL cholesterol को माना जाता है। LDL कोलेस्ट्रॉल खराब कोलेस्ट्रॉल होता है जो दिल की धमनियों में जमा हो जाता है और रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा करता है जिससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।  एमडी और एक इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संजय भोजराज ने 25 जून को साझा की गई एक पोस्ट में बताया है कि दिल के रोगों का कारण LDL cholesterol नहीं बल्कि कुछ और है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि आखिर दिल के रोगों का कारण क्या है और इससे बचाव कैसे करें।

हृदय रोग का कारण क्या है?

डॉ. भोजराज ने बताया कि हृदय रोग का असली कारण सिर्फ कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर नहीं है, बल्कि हमारे शरीर में मौजूद घूमते हुए एलडीएल कण (Low-Density Lipoproteins) होते हैं। उन्होंने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि शरीर में एलडीएल कितना है, बल्कि यह है कि उसे किस प्रकार का नुकसान पहुंच रहा है। कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया ये घूमते हुए कोलेस्ट्रॉल कण क्षतिग्रस्त हो सकते हैं जिसे हम ‘डैमेज-असोसिएटेड मॉलिक्यूलर पैटर्न’ या DAMP कहते हैं। यह प्रक्रिया आपके इम्यून सिस्टम को सक्रिय कर देती है और इससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

MedlinePlus के मुताबिक एलडीएल को खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि हाई एलडीएल स्तर आपकी धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमाव का कारण बनता है। वहीं, एचडीएल का मतलब है हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (High-Density Lipoproteins)।

दिल के रोगों से इस तरह करें बचाव

एक्सपर्ट वे बताया अगर आप दिल के रोगों से बचाव करना चाहते हैं और हार्ट अटैक से बचना चाहते हैं तो आप साल में कुछ जरूरी जांच कराएं। एक्सपर्ट ने बताया आप दिल की सेहत के लिए सिर्फ ईसीजी (Electrocardiogram) ही नहीं कराएं बल्कि हृदय संबंधी जोखिम की जांच के लिए ये 5 टेस्ट जरूर कराएं।

कोलेस्ट्रॉल की जांच के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं।

  • डायबिटीज का पता लगाने के लिए फास्टिंग ब्लड शुगर या HbA1c टेस्ट कराएं।
  • ब्लड प्रेशर की जांच के लिए बीपी चेक करें
  •  मोटापे और हृदय जोखिम का पता लगाने के लिए BMI का पता जरूर लगाएं।
  • इकोकार्डियोग्राम या स्ट्रेस टेस्ट यह कभी-कभी ज़रूरी होता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी हार्ट से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री है। जिन्हें सांस फूलने या सीने में दर्द जैसे लक्षण हों वो भी ये टेस्ट जरूर कराएं। इन टेस्ट को नियमित रूप से कराने से दिल के रोगों के शुरुआती लक्षणों की पहचान की जा सकती है और समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है।

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