Navratri Vrat Recipe: आज यानी 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो चुके हैं। यह त्योहार शक्ति का रूप देवी दुर्गा की अराधना का त्योहार है। 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन 25 अक्टूबर को विजया दशमी के साथ होगा। नवरात्रि को देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। कई भक्त इस दौरान तामसिक भोजन यानी कि प्याज-लहसुन और मांस-मदिरा के सेवन से परहेज करते हैं। साथ ही, कई जगह देवी के भक्त इस दौरान मां जगदम्बा को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। कुछ श्रद्धालु पूरे नवरात्र उपवास करते हैं, तो कहीं-कहीं लोग केवल सप्तमी और अष्टमी का व्रत रखते हैं।

हालांकि, इस कोरोना काल में भक्ति के साथ ही शरीर में शक्ति का होना भी जरूरी है। कई बार ऐसा देखा गया है कि व्रत के दौरान भक्तों में कमजोरी आ जाती है। इससे चक्कर आने या तबीयत बिगड़ने का खतरा रहता है। ऐसे में अपने शरीर के प्रति ध्यान देना बहुत जरूरी है। नवरात्रों के दौरान व्रती सिंघाड़े के आटे से बने लड्डूओं का सेवन कर सकते हैं। ऊर्जा बढ़ाने के साथ ही इम्युनिटी मजबूत रखने में भी इसे कारगर माना जाता है। आइए जानते हैं इसके फायदे व बनाने की विधि –

बेहद फायदेमंद होता है सिंघाड़े का आटा: सबसे अहम बात कि सिंघाड़े को सात्विक आहार माना जाता है। इसके आटे में लगभग सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, ऐसे में व्रत में इसके सेवन से शरीर में ऊर्जा पूर्ति होते रहती है। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सिंघाड़े को अमृत से कम नहीं माना जाता है। इसके अलावा, कई बीमारियों व संक्रमणों से दूर रखने में भी ये कारगर है। आयुर्वेद में भी सिंघाड़े के औषधीय गुणों से परिपूर्ण बताया जाता है।

इन चीजों की होगी जरूरत:
सिंघाड़े का आटा
देसी घी
काजू-बादाम
गुड़
सौंठ पाउडर

क्या है रेसिपी: सिंघाड़े के आटे को अच्छी तरह छान लें, मुमकिन हो तो आटे को थोड़ा मोटा ही रखें। गुड़ को अच्छी तरह तोड़ लें ताकि उसमें कहीं गांठ न बने। इधर, तवे को गैस पर चढ़ा दें और उसमें सूखे मेवों को थोड़ा भुन लें। अब कड़ाही में 150 ग्राम के लगभग घी गर्म करें फिर सिंघाड़े के आटे को भुन लें। जब इसका रंग बदलने लगे और सोंधी सुगंध आने लगे तो गैस बंद कर दें। मिश्रण के गर्म रहने के दौरान ही गुड़ का पाउडर इसके ऊपर डालें। इसमें सोंठ, घी और काजू-बादाम मिलाएं और ठंडा होने से पहले ही सबको अच्छे से मिलाएं और लड्डू का आकार दें।