लोग अपने नाखूनों को काटने, संवारने में काफी ध्यान देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि आपके नाखून बीमार भी होते हैं। दरअसल नाखूनों का निर्माण जिस कैरटिन नाम के तत्व से होता है वह एक प्रकार का पोषक तत्व होता है। यह बालों और त्वचा में भी पाया जाता है। इसलिए जब भी शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है, नाखूनों का रंग-रूप बदलने लगता है। इसके अलावा भी कई तरह की समस्याएं सामने आने लगती हैं। ऐसे में इन समस्याओं को नजरअंदाज करना आपके नाखूनों की सेहत के लिए भारी पड़ सकता है।

कभी- कभी नाखूनों में संक्रमण की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसा संक्रमित त्वचा पर नाखूनों से खुजलाने की वजह से भी हो सकता है। इसके अलावा जो लोग ज्यादा देर तक जूते पहनने के आदी होते हैं, ऐसे लोगों के पैरों के नाखून में संक्रमण की संभावना काफी अधिक होती है। इसकी वजह से नाखून भुरभुरे हो जाते हैं। उनका आकार भी बिगड़ जाता है। सूजन और दर्द की भी शिकायत होती है। इस तरह की किसी भी समस्या को नजरअंदाज करने की बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।

शरीर में ऑक्सीजन की कमी की वजह से नाखूनों का रंग नीला होने लगता है। इससे बचाव के लिए जरूरी कि है कि ऐसे उपाय किए जाएं जो नाखूनों में रक्त संचार को बेहतर करें। इसके अलावा शरीर में आयरन की कमी से या फिर लीवर संबंधी कोई समस्या होने पर नाखून खोखले हो जाते हैं, तथा उनका आकार चम्मच की तरह हो जाता है। नाखूनों का रूखा होना तथा फटने लगना फंगल संक्रमण के लक्षण होते हैं। इसके अलावा यह थायराइड की समस्या को भी दर्शाते हैं। ऐसी अवस्था में उचित इलाज की जरूरत होती है। फंगल इंफेक्शन की वजह से नाखून मोटे त्वचा को छोड़कर ऊपर उठ जाते हैं। ऐसे में नाखूनों का देखभाल के लिए कुछ खास सावधानियां बरतने की जरूरत हैं। जैसे-

1. नाखून काटने या सजाने वाले उपकरण बैक्टीरिया से मुक्त रखें।
2. जिन नाखूनों पर संक्रमण की समस्या है उन पर नेल पॉलिश का प्रयोग कम करें।
3. पैंरों में पसीना आने से फफूंद की बढ़ोत्तरी हो सकती है। ऐसे में पसीने से पैरों को बचाने के उपाय करना जरूरी होता है।