बरसात के मौसम में हाथ-पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर छोटे-छोटे दाने या पिंपल होना आम बात है। ऐसे में ज्यादातर लोग इसे एलर्जी या फिर फंगल इंफेक्शन की निशानी मान लेते हैं और संपूर्ण जांच कराने की बजाय नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि, ऐसा करना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। बता दें कि शरीर पर निकलने वाली ये छोटी-छोटी फुंसियां आगे चलकर हर्पीस का लक्षण बन सकती हैं। आइए जानते हैं इस परेशानी के बारे में, साथ ही जानेंगे इसके पीछे का कारण और बचाव के कुछ तरीके-
क्या है हर्पीस?
मौसम बदलने पर अक्सर कई लोगों को शरीर के अंगों खासकर हाथ और पैरों में लाल छोटे-छोटे पानी वाले दाने बनने की शिकायत होने लगती है, जिस पर बार-बार खुजली होती है। कुछ समय बाद इन दानों में पस भरने लगती है और फिर पीड़ित को प्रभावित हिस्सों में दर्द जा जलन का अहसास होना शुरू हो जाता है। बता दें कि स्किन पर दिखने वाले ये लक्षण हर्पीस के हैं।
हर्पीस, वैरिसेला जोस्टर वायरस (Varicella zoster virus) के कारण होता है। वैसे तो ये वायरस हर समय वातावरण में मौजूद रहते हैं, लेकिन सर्दियों और बरसात के मौसम में इस बीमारी के अधिक मामले सामने आते हैं। हर्पीस एक संक्रामक बीमारी है, ऐसे में इसे नजरअंदाज करना सेहत को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाने जैसा है। समय रहते हर्पीस का इलाज ना कराए जाए, तो इसका इंफेक्शन आंख और नाक या व्यक्ति के पूरे शरीर में भी फैल सकता है।
दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान
- बात अगर लक्षणों की करें, तो हर्पीस से पीड़ित व्यक्ति को समय-समय पर बुखार आने लगता है।
- इससे अलग पीड़ित के शरीर पर जगह-जगह लाल रंग के चकते उभर आते हैं।
- रोगी को शरीर के कुछ हिस्सों में बेवजह दर्द होना शुरू हो जाता है।
- दर्द होने के कुछ दिनों बाद उस जगह की त्वचा पर लाल फुंसियां निकलती हैं, जिनमें धीरे-धीरे पानी भरना शुरू हो जाता है।
- इसके अलावा रोगी को अक्सर सिरदर्द और थकान भी महसूस होने लगती है।
- फुंसियों में दर्द और खुजली होना इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है।
क्या है बचाव का तरीका?
- हर्पीस से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है साफ-सफाई। बरसात के मौसम में संक्रमण अधिक तेजी से फैलता है, ऐसे में समय-समय पर हाथ-पैर धोते रहें। साथ ही हाथों को पूरी तरह ड्राई रखें।
- बावजूद इसके अगर आपको हाथों या पैरों पर दाने बनने की शिकायत होती है, तो इन्हें छूने से बचें।
- दानों को बार-बार छूने या फोड़ने पर इनसे निकलने वाला पदार्थ शरीर के अन्य हिस्सों या कपड़ों पर लग सकता है। इससे संक्रामण फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।
- हर्पीस के इलाज के लिए ऐंटी-वायरस मेडिसिन रोगी को दी जाती है।
- इसके अलावा पानी में थोड़ा सा नमक डालकर नहाने से भी इस समस्या में कुछ हद तक आराम पाया जा सकता है।
- साथ ही प्रभावित हिस्से पर पेट्रोलियम जैली लगाने से भी राहत मिलती है।
- हालांकि, इन उपाय के बावजूद अगर समस्या बढ़ती जा रही है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।