Menopause Management: रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) जीवन में एक बड़ा बदलाव लाती है, जो महिलाओं के विभिन्न अनुभवों में कई तरह के इमोशनली बदलाव लाती है। यह कुछ अलग तरह की चुनौतियों का सामना करने का समय है जिसके लिए कई तरह के सपोर्ट सिस्टम की जरूरत होती है। इस अवधि के दौरान मानसिक स्वास्थ्य और संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखना इन बदलावों को प्रभावी ढंग से मैनेज करना का आधार है। आइए जानते हैं एक्सपर्ट मिरर संस्थापक और सीईओ संजीत शेट्टी से कि किस तरह महिलाओं को मेनोपॉज के समय खुद का ख्याल कैसा रखना चाहिए…

मेनोपॉज़ का सामना कर रही महिलाओं को मेंटली मजबूत होना जरूरी

जब मेनोपॉज़ शुरू होती है, तो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ संपूर्ण स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ऐसे में इस समय से जूझ रही अन्य मह्लाओं के साथ जुड़ना महत्वपूर्ण है। बता दें भारत के कुछ कम्यूनिटी पेरी/मेनोपॉज़ के लिए अपने एक्सपेरियंस को शेयर करने से लेकर अन्य महत्वपूर्ण सुझावों को शेयर करते हैं। यह कनेक्शन जिंदगी के इस दौर के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाते हुए, अकेलेपन की भावनाओं को कम कर सकता है।

ऐसे में एक सपोर्ट सिस्टम महत्वपूर्ण है, लेकिन तनाव से राहत देने वाली प्रक्रियाओं को अपनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। श्वास व्यायाम और अन्य सामान्य व्यायाम चिंताओं के स्तर को कम कर सकते हैं और रजोनिवृत्ति से संबंधित भावनात्मक बदलावों के दौरान मानसिक स्पष्टता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। रोजाना बस कुछ मिनट शारीरिक तंदरुस्ती में फर्क ला सकते हैं।

मेनोपॉज़ में योग सहित ये चीजें होगी सहायक

शारीरिक गतिविधि और योग रजोनिवृत्ति के दौरान स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। योग शरीर के लचीलेपन में सुधार करता है, तनाव को कम करता है और संतुलन को बढ़ावा देता है। अपने दिनचर्या में शक्ति प्रशिक्षण और एरोबिक एक्सरसाइज़ को शामिल करने से हृदय संबंधी तंदुरुस्ती को बनाए रखने में मदद मिलती है और हड्डियां मज़बूत होती हैं, जिस पर इस दौर में काफी अच्छी तरह से ध्यान देने की ज़रूरत होती है।

मेनोपॉज़ के लिए ये हर्बल चीजें होगी फायदेमंद

साथ ही, रजोनिवृत्ति के लक्षणों से निपटने में सप्लीमेंट लेना भी फ़ायदेमंद हो सकता है। अंगूर जैसे फल और अन्य खाद्य पदार्थों में मौजूद ट्रांस रेस्वेराट्रोल जैसे एंटीऑक्सीडेंट हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। अश्वगंधा और ब्लैक कोहोश जैसे हर्बल सप्लीमेंट्स चमक और रात में पसीना आने जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं, जिससे राहत मिलती है। स्रोत चाहे जो भी हो, सप्लीमेंट लक्षणों को मैनेज करने में सहायता करते हैं।

इसके अलावा, एक स्वस्थ जीवन शैली (लाइफस्टाइल) का चुनाव करना ज़रूरी है; शराब का सेवन कम करना और धूम्रपान छोड़ना और एक अच्छी नींद की दिनचर्या बनाए रखना, ये सभी शारीरिक तंदुरुस्ती, जीवन शक्ति और मानसिक तंदुरुस्ती को बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं।

मेनोपॉज़ में इमोशन का ध्यान रखना जरूरी

रजोनिवृत्ति के दौरान, हार्मोनल परिवर्तन किसी व्यक्ति के भावनात्मक तंदुरुस्ती को काफ़ी हद तक प्रभावित कर सकते हैं। ध्यान और माइंडफुलनेस एक्सरसाइज जैसी माइंडफुलनेस तकनीकों का उपयोग संतुलन बनाए रखने और तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है, साथ ही, अश्वगंधा और मैका रूट जैसी एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटियां मूड स्विंग को स्थिर करने और सभी तरह का संतुलन बनाए रखने में काफी फायदेमंद होती हैं। ट्रांस-रेस्वेराट्रोल भी संतुलन का समर्थन करता है और शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव (स्ट्रेस) से बचाता है। रजोनिवृत्ति के लिए एक संपूर्ण दृष्टिकोण जो शारीरिक और भावनात्मक कल्याण पर ध्यान देता है, जिंदगी के इस दौर से निपटना आसान बना सकता है। इन प्रक्रियाओं को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, महिलाएं रजोनिवृत्ति का अधिक समझदारी और संतुलित तरीके से अनुभव कर सकती हैं, जिससे इसकी चुनौतियों से निपटने की उनकी संपूर्ण क्षमता में काफी बेहतरी होती है।