हम अक्सर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को तब तक नज़रअंदाज़ कर देते हैं जब तक वे गंभीर नहीं हो जातीं। खासकर जब बात फेफड़ों की बीमारियों की हो तो यह काफ़ी खतरनाक हो सकती है। इस बात पर न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा का कहना है कि फेफड़ों से संबंधित संकेतों को जल्दी समझना मुश्किल होता है क्योंकि ये अंदरूनी होते हैं। फेफड़ों की स्थिति में बदलाव जल्दी दिखाई नहीं देता इसलिए हमें फेफड़ों की ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए फेफड़ों की बीमारियों के लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है। इन लक्षणों में शामिल है:

* छाती में दर्द

एक महीने या उससे ज्यादा समय तक सीने में दर्द रहना एक साइन होता है। खासकर अगर यह सांस लेने या खांसने के वक़्त बद से बदतर हो जाए तो यह एक चेतावनी का संकेत है।

* लंबे समय से बलगम का बनना

 बलगम को कफ भी कहा जाता है। यह वायुमार्ग से संक्रमण या जलन से बचाव के लिए बनता है। अगर आपको एक या उससे ज्यादा महीने से बलगम बन रहा है तो यह फेफड़ों की बीमारी का संकेत हो सकता है।

* अचानक वजन कम होना

अगर बिना किसी आहार या कसरत के आपके वजन में भारी गिरावट आई है तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर के अंदर एक ट्यूमर बढ़ रहा है। ऐसे में डॉक्टर से जरूर मिलें।

* श्वास में तकलीफ

अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो यह फेफड़ों की बीमारी हो सकती है। फेफड़े में एक ट्यूमर या कार्सिनोमा हवा आने-जाने के रास्तें में हो जाता है जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है।

* खून के साथ लगातार खांसी/ खांसी

अगर आपको आठ हफ्ते या उससे ज्यादा समय से खांसी के साथ खून आ रहा है तो यह खतरनाक हो सकता है। यह श्वसन तंत्र में परेशानी का लक्षण है। 

न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत इन सभी संकेतों पर नज़र रखने की सलाह देती हैं। उनका यह कहना है कि इन संकेतों को हल्के में न लें और भविष्य में समस्याओं से बचने के लिए इन चीजों की जांच करवाना हमेशा बेहतर होता है।