आमतौर पर पीरियड्स साइकिल 28-35 दिनों का होता है। कई बार इसमें 2-3 दिनों की देरी भी हो जाती है। यानी अगर किसी महिला को एक महीने में पीरियड्स 20 तारीख को आए हैं, तो हो सकता है कि अगले महीने ऐसा 22 या 23 तारीख को हो। अधिकतर महिलाओं के साथ ऐसा होता है और ये पूरी तरह सामान्य भी है। आसान भाषा में समझें तो अगर आपका साइकल 28 दिन का है और 29 से 30 दिन तक आपको पीरियड नहीं आए हैं, तो आप इसे लेट मान सकती हैं, लेकिन ऐसा होने अधिक चिंता की बात नहीं है। शरीर में किसी तरह की कमजोरी या अधिक थकान और गलत खानपान के चलते ऐसा हो सकता है। हालांकि, अगर 40 द‍िन से ऊपर हो जाएं या प‍िछली तारीख के 6 हफ्तों तक अगली डेट न आए, तो ये चिंता का व‍िषय है।

आमतौर पर पीरियड्स का डिले होना प्रेग्नेंसी की ओर संकेत माना जाता है। हालांकि, इससे अलग भी इसके पीछे कई सामान्य और गंभीर कारण हो सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि पीरियड्स लेट होने की क्या मुख्य वजहें हो सकती हैं और कब आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

हेल्थ लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीरियड लेट दो ही समय पर सामान्य हो सकते हैं, पहला जब पीरियड्स शुरू हुए हों और दूसरा जब आपका मेनोपॉज का समय हो, लेकिन अगर इनके अलावा भी आपके पीरियड्स बहुत समय तक डिले रहें, तो समझ लें कि ये नॉर्मल नहीं है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। ये कारण इस प्रकार हैं-

स्ट्रेस

किसी भी चीज का अधिक स्ट्रेस लेट पीरियड के अहम कारणों में से एक है। ये ब्रेन के उस क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है जो पिट्यूटरी ग्‍लैंड को कंट्रोल करता है। अधिक स्‍ट्रेस के चलते शरीर में हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है और ये लेट पीरियड की वजह बनता है।

शरीर का वजन कम होना

बहुत अधिक वजन कम करने से भी अनियमित मासिक धर्म हो सकता है यहां तक ​​कि ऐसा होने पर आपका पीरियड साइकिल पूरी तरह से रुक भी सकता है। पर्याप्त बॉडी फैट का ना होना ओवुलेशन से जुड़ी समस्या का कारण बनता है। इसी कड़ी में जो लोग मैराथन जैसे अत्यधिक व्यायाम में भाग लेते हैं, उन्हें अक्सर इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है।

मोटापा

जिस तरह शरीर का वजन कम होना ओवुलेशन से जुड़ी परेशानी का कारण बनता है, ठिक उसी तरह ओवर वेट होना भी आपके पीरियड्स के लेट होने का एक मुख्य कारण हो सकता है। मोटापा शरीर में एस्ट्रोजन की अधिकता का उत्पादन करता है। वहीं, बहुत अधिक एस्ट्रोजन पीरियड साइकिल में अनियमितता का कारण बनता है।

पीसीओएस

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ऐसी स्थिति है जिसमें फीमेल बॉडी में मेल हार्मोन एण्ड्रोजन (Androgen) को अधिक प्रोड्यूस करने लगता है। इस स्थिति के दौरान आपके हार्मोन्स इंबैलेंस हो जाते हैं जिसके चलते ओवरीज में सिस्ट बनने लगते हैं। इस स्थिति के कारण ओवुलेशन होना कम हो सकता है या बिल्कुल बंद भी हो सकता है। ऐसे में समय रहते डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी हो जाता है।

गर्भनिरोधक टेबलेट का अधिक सेवन

कई महिलाएं गर्भनिरोधक टेबलेट का अधिक सेवन करती हैं, आपको बता दें कि ये भी पीरियड्स को लेट करने का कारण बन सकता है। गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन से बॉडी के नेचुरल हार्मोनल साइकिल पर प्रभाव पड़ने लगता है जिस वजह से पीरियड्स लेट हो सकते हैं। 21 दिन तक लगातार गर्भनिरोधक टेबलेट लेने से यूटरस पर इस‍की लेयर चढ़ जाती, जो पीरियड साइकिल पूरी तरह से रोक भी सकता है।

क्रोनिक बीमारी

इन सब से अलग अगर आप किसी प्रकार की क्रोनिक बीमारी जैसे डायबिटीज या थायराइड से पीड़ित हैं, तो भी आपकी साइकिल अनियमित हो सकती है। ब्लड शुगर में बदलाव होने पर हार्मोन्स में भी बदलाव हो सकता है। इसके अलावा थायराइड में अधिक वजन के चलते भी आपके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपको बार-बार लेट पीरियड्स का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, साथ ही एक बार डायबिटीज और थायराइड की जांच भी करा लें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।