Vertigo Meaning, Cause, Symptoms, Prevention, Treatment, Remedy: वर्टिगो से पीड़ित लोगों को अचानक ही चक्कर आने या जी मिचलाने की शिकायत होती है। वेस्टिबुलर न्यूरोनिटिस के डिसॉर्डर से होने वाली इस बीमारी से भारत में कई लोग जूझ रहे हैं। ‘द वीक’ की एक खबर के अनुसार, वर्टिगो से पीड़ित 86 प्रतिशत लोग इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते और इसे आम चक्कर की कैटिगरी में रख देते हैं। इसके मुताबिक अगर इस बीमारी की पहचान समय पर हो जाए और सही तरीके से जांच होने पर इस बीमारी का इलाज संभव है। वर्टिगो होने का एक कारण हमारे आंतरिक कान का ठीक तरह से काम नहीं कर पाना भी होता है।

वर्टिगो के लक्षण: सिर घूमने और चक्कर आने के अलावा भी इस बीमारी के कई लक्षण होते हैं। वर्टिगो से पीड़ित लोगो मोशन सिकनेस की शिकायत भी होती है। इसके अलावा उल्टी आना, आंखों की असामान्य हरकतें, सिरदर्द और लगातार पसीने आते रहने जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके अलावा वर्टिगो में लोगों के हाथ और पैर शिथिल पड़ जाते हैं, साथ ही कई बार उन्हें कानों में झनझनाहट भी महसूस होती है।

वर्टिगो के कारण: बेनाइन पोजिशनल पैरॉक्सिज्मल वर्टिगो (BPPV) लोगों में होने वाला सबसे आम तरह का वर्टिगो है। ‘मेडिकल न्यूज टुडे’ की रिपोर्ट के अनुसार भीतरी कान में जमा डिपॉजिट्स के वजह से बीपीपीवी का खतरा बढ़ता है। हमारा भीतरी/ आंतरिक कान शरीर के संतुलन को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है। इसके अलावा कोल्ड वायरस से कानों में सूजन आती है जिससे वर्टिगो होने का खतरा होता है। वहीं, गर्दन या सिर में चोट लगने पर भी कई लोग वर्टिगो के शिकार हो जाते हैं। वैसे लोग जो स्ट्रोक का शिकार हो चुके हों, उनमें भी वर्टिगो होने की संभावना रहती है।

बचाव के घरेलू उपाय: इस रिपोर्ट के अनुसार वर्टिगो के प्रभाव को कम करने के लिए लोगों को अदरक वाली चाय पीना चाहिए। बादाम खाने से भी लोगों को वर्टिगो की समस्या में आराम मिलता है। पीयें दिन में लगभग 8 से 12 गिलास पानी। ऐसा माना गया है कि दिमाग में बेहतर बल्ड फ्लो के लिए सेब सिरका और शहद का इस्तेमाल लाभदायक होता है। इसके अलावा गिंको बाइलोबा नाम का एक जड़ी-बूटी भी वर्टिगो के असर को कम करता है, यह टिनिटस का इलाज करता है जो कि चक्कर आने की वजहों में से एक है।

इस एक्सरसाइज से होगा फायदा: इप्ले मैन्युवर की तकनीक से कई लोग इस बीमारी के असर को कम कर सकते हैं। रात को सोने से पहले इस तकनीक को अपनाने से चक्कर आने की समस्या झेल रहे लोगों को बहुत फायदा हो सकता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि कि परेशानी बाएं कान की तरफ से हो रही है या दाएं। उसी के अनुसार यह एक्सरसाइज करें, इसमें सिर को बाएं और दाएं दिशा में घूमाकर कुछ देर तक रखना पड़ता है।