दिल का धड़कना हमारे जिंदा रहने का सबूत है, जिस दिल दिल की धड़कनें काम करना बंद कर देती हैं उस दिन हमारी जिंदगी खत्म हो जाती है। दिल की बीमारी साइलेंट किलर है जो रातों रात नहीं पनपती, इसके लिए सालों की खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। बढ़ता मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और स्मोकिंग करने की आदत दिल को नुकसान पहुंचाती है। जब हमारी धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और दूसरे तत्व जमा होने लगते हैं तो उन्हें प्लाक कहते हैं। धीरे-धीरे ये जमाव धमनियों को संकरा और कठोर बना देता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होने लगता है, यही स्थिति ब्लॉकेज कहलाती है।

जब ब्लड सप्लाई ठीक से दिल तक नहीं पहुंचती तो हार्ट की मांसपेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने लगता है। चूंकि शुरुआती स्टेज में लक्षण स्पष्ट नहीं होते, इसलिए इकोकार्डियोग्राम, ईसीजी, स्ट्रेस टेस्ट और एंजियोग्राफी जैसे मेडिकल टेस्ट समय रहते ब्लॉकेज का पता लगाने और कंट्रोल करने में मदद करते हैं।

कार्डियक सर्जन डॉक्टर जेरेमी लंदन ने मोटापा को हार्ट से जुड़ी बीमारियों का कारण बताया है। गतिहीन जीवनशैली दिल के रोगों का जोखिम बढ़ाती है। धूम्रपान दिल के लिए सबसे बुरी आदत है, जो धमनियों और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। एक्सपर्ट के मुताबिक कुछ मेडिकल टेस्ट ब्लॉक हुई आर्टरीज को पहचानने और हार्ट अटैक जैसी दिल की समस्याओं का खतरा कम करने में मदद कर सकते हैं। इन टेस्ट की मदद से आप भविष्य में होने वाली दिल से जुड़ी बीमारी का पता लगा सकते हैं और अपनी जान को बचा सकते हैं।

ब्लड प्रेशर पर रोज रखें नज़र  

हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है, क्योंकि यह धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है और वहां फैट डिपॉजिट होने लगता है, जिससे ब्लॉकेज और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है। इसलिए समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच बेहद जरूरी है। डॉ. जेरमी बताते हैं कि ब्लड प्रेशर को लाइफस्टाइल में बदलाव से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक भारत की केवल 12% आबादी का ब्लड प्रेशर पूरी तरह कंट्रोल में है। 

एडवांस ब्लड पैनल

एडवांस ब्लड पैनल टेस्ट छिपे हुए खतरे पकड़ने वाला टेस्ट है। आम ब्लड टेस्ट सिर्फ शुगर और कोलेस्ट्रॉल तक सीमित रहता है, लेकिन एडवांस ब्लड पैनल उससे आगे बढ़कर धमनियों में बनने वाले प्लाक यानी ब्लॉकेज की छिपी वजहें को पकड़ता है। यह टेस्ट कोलेस्ट्रॉल पार्टिकल्स की संख्या और प्रकार, ब्लड वेसल्स में सूजन और ब्लड क्लॉटिंग की प्रवृत्ति की जानकारी देता है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होने के बावजूद भी आर्टरी ब्लॉकेज हो सकती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।

DEXA स्कैन

DEXA स्कैन एक ऐसा टेस्ट है जो खतरनाक फैट यानी विसरल फैट की भी जांच कर लेता है। विसरल फैट पेट के अंदरूनी अंगों के आसपास जमा होने वाला फैट है जो धमनियों के ब्लॉकेज की एक बड़ी वजह है। कार्डियोवैस्कुलर सर्जन डॉ. लंदन इसे  इन्फ्लेमेशन का इंजन बताते हैं। DEXA स्कैन इस विसरल फैट के स्तर को मापता है। यही फैट खून में सूजन पैदा करने वाले प्रोटीन को छोड़ता है, जो धमनियों की परत को नुकसान पहुंचाते हैं।

VO₂ मैक्स टेस्ट

VO₂ मैक्स टेस्ट में आपकी लंबी उम्र का राज़ छुपा है। डॉ. लंदन के अनुसार, VO₂ मैक्स टेस्ट लंबी उम्र और हेल्दी दिल का एक अहम संकेत है। यह टेस्ट कार्डियोवैस्कुलर एफिशिएंसी और एरोबिक फिटनेस को मापता है। अगर VO₂ मैक्स लेवल कम है, तो यह धमनियों में ब्लॉकेज का शुरुआती संकेत हो सकता है। रेगुलर एरोबिक एक्सरसाइज से VO₂ मैक्स सुधरता है, जिससे दिल मजबूत होता है, एनर्जी लेवल बढ़ता है और उम्र में इज़ाफा होता है। सबमैक्सिमल व्यायाम परीक्षण आपके VO₂ मैक्स स्तर और व्यायाम के दौरान दिल और फेफड़ों की सहनशक्ति का आकलन करने का एक उपयोगी तरीका है।

Coronary Calcium Scan

कोरोनरी कैल्शियम स्कैन की मदद से कोरोनरी आर्टरीज में कैल्शियम या ब्लॉकेज का पता जल्दी लगता है। ये टेस्ट हार्ट अटैक या स्ट्रोक के रिस्क को समय से पहले पहचानने में मदद करता है।

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